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‘किसान गांधी’ झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में मिला पहला पुरस्कार

आईसीएआर की झांकी 'मिश्रित खेती, खुशियों की खेती' की थीम में ग्रामीण समुदायों की समृद्धि के लिए कृषि और पशुधन में सुधार करने के लिए गांधी के दृष्टिकोण को चित्रित किया गया था

Updated On: Jan 28, 2019 08:57 PM IST

Bhasha

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‘किसान गांधी’ झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में मिला पहला पुरस्कार

देश के प्रमुख कृषि शोध संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित अपने 'किसान गांधी' की झांकी के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आईसीएआर टीम को यह पुरस्कार प्रदान किया.

आईसीएआर की झांकी 'मिश्रित खेती, खुशियों की खेती' की थीम में ग्रामीण समुदायों की समृद्धि के लिए कृषि और पशुधन में सुधार करने के लिए गांधी के दृष्टिकोण को चित्रित किया गया था. इसमें ग्रामीण समृद्धि के लिए डेयरी फार्मिंग, स्वदेशी नस्लों और पशुधन आधारित जैविक कृषि के महत्व को प्रदर्शित किया गया था.

झांकी में गांधी को बकरियों और गाय के साथ दिखाया गया था, जबकि उनकी पत्नी कस्तूरबा को महाराष्ट्र में नागपुर के पास वर्धा आश्रम में 'बापू कुटी' में चरखा और जानवरों की देखभाल करते हुए दिखाया गया था. यह पशुधन आधारित टिकाऊ और जलवायु के प्रति लचीले कृषि का प्रतीक था.

परेड में कुल 22 झांकी प्रदर्शित की गईं

गांधीवादी दर्शन में बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वदेशी नस्लों, जैविक कृषि और बकरी के दूध को बढ़ावा देना शामिल था. यह ध्यानयोग्य है कि गांधी ने वर्ष 1927 में 15 दिनों तक डेयरी फार्मिंग के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईसीएआर के बेंगलुरू केंद्र - राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में भाग लिया था. उन्होंने 1935 में इंदौर के इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट इंडस्ट्री में खाद बनाने की 'इंदौर विधि' को भी देखा और उसकी सराहना की.

देश के 70वें गणतंत्र दिवस परेड में कुल 22 झांकी प्रदर्शित की गईं थीं जिसमें से 16 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की थीं जबकि छह विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की थीं.

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