केरल सरकार ने हाल ही में कन्नूर जिले में 40 साल की एक दलित महिला को अपनी छोटी सी जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया है. ये घर उसे गत सरकार ने दिया था. लेकिन अब सीपीएम के 'गुंडों' ने उसे अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. उसे अपने घर से 40 किलोमीटर दूर जमीन दी गई है और पांच लाख रुपए दिए गए हैं. लेकिन चित्रलेखा अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
पिछले 13 सालों से ऑटो रिक्शा चलाकर अपना गुजर-बसर कर रही चित्रलेखा ने कहा है कि मैं जमीन नहीं छोडूंगी. मैं यहीं रहूंगी और अपनी लड़ाई लड़ती रहूंगी. चित्रलेखा ने 2004 में ऑटो के लिए बैंक से लोन लिया था और अब उनके और उनके पति के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं. ट्रेड यूनियन वर्करों ने उनके साथ मारपीट भी की और उन्हें 20 दिन जेल में भी गुजारने पड़े हैं.
सेंटर फॉर ट्रेड यूनियंस (CITU) के वर्कर उन्हें कथित रूप से इद्दत ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर काम नहीं करने दे रहे हैं. उन्हें 2015 में जमीन मिली थी. लेकिन अब CITU के वर्करों ने उन्हें अपने जोर से इद्दत छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. मौजूदा यूडीएफ सरकार ने उन्हें कट्टमपिली में अपना घर बनाने के लिए पांच लाख रुपए दिए हैं.
चित्रलेखा ने कहा है कि अगर पार्टी वर्कर मुझे सुकून से रहने दें तो मैं खुशी-खुशी दोबारा इद्दत जाना चाहती हूं. लेकिन उनके बर्ताव में अभी भी मुझे और मेरे परिवार को लेकर कोई बदलाव नहीं आया है. अगर मैं वापस गई तो वो लोग मुझे मार देंगे.
डीजीसीए ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. उसने एयरक्राफ्ट ऐक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड को इस घटना की जानकारी दे दी है
गिरफ्तार आरोपी पिता की उम्र केवल 17 साल है. बच्चे की मां भी नाबालिग बताई जा रही है. दोनों की 10 महीने पहले ही शादी हुई थी
सोशल मीडिया पर इसकी खबर पढ़कर अखिलेश यादव के निर्देश पर एसपी एमएलसी आनंद भदौरिया जब्बार के घर पहुंचे. उन्होंने जब्बार शाह को बकरियां खरीदकर गिफ्ट की
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर बादामी और चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे
2002 में गोधरा दंगे के बाद भड़की हिंसा में 97 मुस्लिम मार दिए गए थे. नरोदा पाटिया दंगा मामला इसी हिंसा से जुड़ा है