भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर आज यानी मंगलवार से फिर खुल गया है. हाल ही में खत्म हुए सालाना तीर्थयात्रा सत्र के दौरान रजस्वला (Menstural Cycle) आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में घुसने को लेकर यहां बड़े पैमाने पर हिंसा और विरोध-प्रदर्शन हुआ था.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार सोमवार को मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर मलयालम महीना कुंबम के दौरान मासिक पूजा के लिए मंगलवार से पांच दिन (यानी 12 फरवरी से 17 फरवरी) तक खुला रहेगा. मंदिर के मुख्य पुजारी वासुदेवन नंपूतिरि मंगलवार शाम मंदिर का गर्भगृह खोलेंगे. इन पांच दिनों के दौरान मंदिर में कालाभाभिषेकम, सहस्रकलसम और लक्षर्चना समेत कई कर्मकांड पूरे किए जाएंगे. पूजा के दौरान मंदिर के प्रमुख पुजारी कंडारारू राजीवरु भी यहां मौजूद रहेंगे.
Sabarimala temple reopens for monthly worship
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मंदिर खुलने पर हिंदूवादी संगठनों के संभावित विरोध-प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए पंबा और आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही यहां तैनात पुलिस भी चौकस है.
सबरीमाला मंदिर विवाद क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर, 2018 को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सबरीमाला मंदिर में हर आयु की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी थी. अदालत ने अपने ऐतिहासिक फैसले में मंदिर में 10 से लेकर 50 वर्ष उम्र की महिलाओं के प्रवेश करने को लेकर निर्णय दिया था.
तत्कालीन चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने 4-1 के बहुमत से यह निर्णय सुनाया था. इस बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि मासिक धर्म (Menstruation Cycle) उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देना उनके मूलभूत अधिकारों और संविधान में बराबरी के अधिकार का उल्लंघन है.
इसी साल 2 जनवरी को 40 साल की उपर की दो महिलाएं- बिंदू अम्मिनी और कनक दुर्गा ने पुलिस सुरक्षा में छिपकर मंदिर के अंदर प्रवेश किया था और भगवान अयप्पा के दर्शन किए थे. इस घटना के बाद पुजारियों ने मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद कर दिया था.
कोर्ट के फैसले के बाद पूरे केरल में इसे लेकर काफी हिंसा हुई थी और काफी विरोध-प्रदर्शन हुआ था.
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