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निचली अदालत से मायूस कार्ति चिदंबरम ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

अदालत ने कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की जमानत पर तत्काल सुनवाई का आग्रह को भी खारिज कर दी थी

Updated On: Mar 12, 2018 10:18 PM IST

Ravishankar Singh Ravishankar Singh

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निचली अदालत से मायूस कार्ति चिदंबरम ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. सोमवार को ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कार्ति को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. कार्ति चिदंबरम को दिल्ली के तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने कहा है कि मंगलवार को उचित पीठ द्वारा कार्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई की जाएगी.

सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने कार्ति की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने ऊपर खतरे की आशंका के कारण तिहाड़ में अलग कोठरी की मांग की थी.

अदालत ने कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की जमानत पर तत्काल सुनवाई का आग्रह को भी खारिज कर दी थी. कार्ति के वकील ने सीबीआई की विशेष अदालत में दलील दी कि पिछले केंद्र सरकार में कार्ति के पिता केंद्र में मंत्री रहे हैं और इस दौरान कई अहम और संवेदनशील मुद्दों को निपटारा भी किया है, इसलिए कार्ति पर खतरा की आशंका है.

New Delhi: Karti Chidambaram, son of former union minister P Chidambaram leaves from CBI Headquarter to Patiala House court, in New Delhi on Wednesday. PTI Photo(PTI2_28_2018_000142B)

सीबीआई ने हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की थी 

गौरतलब है कि कार्ति की तीन दिन की पुलिस रिमांड सोमवार को समाप्त हो रही थी. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई ने कार्ति को पेश किया. सीबीआई ने अदालत से कहा कि कार्ति की हिरासत में रख कर पूछताछ करने की अब कोई जरूरत नहीं है.

देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील मामले में बीते 28 फरवरी को चेन्नई से गिरफ्तार किया था. पिछले मंगलवार को ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई की तरफ से केस की पैरवी कर रहे वकील तुषार मेहता ने दावा किया था कि कार्ति से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं इसलिए रिमांड 9 दिन और बढ़ा दी जाए.

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इस पर कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने विरोध करते हुए तर्क दिया था कि जिस मामले में कार्ति से पूछताछ की जा रही है, उस मामले सीबीआई अब तक एफआईआर भी दर्ज नहीं कर पाई है. ऐसे में रिमांड बढ़ाने का कोई मतलब नहीं बनता. फिर उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई रिमांड 12 मार्च तक बढ़ा दी थी.

आपको बता दें कि जहां देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सीबीआई की तरफ से केस की पैरवी कर रहे तुषार मेहता ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई का पक्ष रखा. वहीं कार्ति की तरफ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे.

आपको बता दें कि सीबीआई कार्ति को रिमांड के दौरान मुंबई भी ले गई थी. सीबीआई ने कार्ति को बायकुला जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी से आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की थी.

Karti-Indrani

इंद्राणी मुखर्जी ने दिए हैं कई अहम सबूत 

मामले में नए सबूत इंद्राणी मुखर्जी के बयान के रूप में सामने आए जो आईएनएक्स मीडिया (प्राइवेट) लिमिटेड की पूर्व निदेशक हैं. इंद्राणी ने 17 फरवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपराध दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था. इंद्राणी के बयान के बाद ही कार्ति को गिरफ्तार किया गया.

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सीबीआई ने कार्ति को 28 फरवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. इसके बाद से कार्ति लगातार सीबीआई कस्टडी में हैं. कार्ति पर आईएनएक्स मीडिया के एफआईपीबी क्लीयरेंस के लिए करीब 6.5 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है.

सीबीआई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में आईएनएक्स मीडिया कंपनी और कार्ति चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रहा है. कार्ति पर आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी अपने पिता के रसूख के कारण दिलवाई. आईएनएक्स मीडिया को इस मंजूरी से 305 करोड़ रुपए मिले थे. इसके एवज में कार्ति को 10 लाख डॉलर यानी लगभग 6.5 करोड़ रुपए मिले. इसके बाद भी कंपनी और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच लगभग 3.5 करोड़ रुपए की और डील हुई.

कार्ति पर आरोप है कि इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का मामला खत्म कराने के लिए भी पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया. सीबीआई पिछले साल ही कार्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. कार्ति की यह गिरफ्तारी आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को दी गई मंजूरी को लेकर है.

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