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राम मंदिर मामला: जस्टिस यूयू ललित ने सुनवाई से खुद को क्यों अलग कर लिया?

सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष के वकील ने संवैधानिक पीठ में शामिल जस्टिस ललित पर सवाल खड़े कर दिए. धवन ने कहा कि 1997 में अयोध्या केस से जुड़े एक मामले में कल्याण सिंह के वकील के तौर पर जस्टिस ललित पेश हो चुके हैं

Updated On: Jan 10, 2019 11:45 AM IST

FP Staff

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राम मंदिर मामला: जस्टिस यूयू ललित ने सुनवाई से खुद को क्यों अलग कर लिया?

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को राम मंदिर मामले की सुनवाई शुरू हुई लेकिन कुछ ही देर में इसे 29 जनवरी के लिए टाल दिया गया. सुनवाई शुरू होते ही सीजेआई ने साफ कहा कि आज सुनवाई नहीं होगी बल्कि शेड्यूल तय किया जाएगा. सीजेआई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक बेंच आज इस मामले में अगली तारीख तय करने वाली थी. इसके बाद इस पर दिन प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई की संभावना थी.

लेकिन मामले में एक बड़ा मोड़ तब आ गया जब सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ में शामिल जस्टिस यूयू ललित पर सवाल खड़े कर दिए. राजीव धवन ने कहा कि 1997 में अयोध्या केस से जुड़े एक मामले में कल्याण सिंह के वकील के तौर पर जस्टिस यूयू ललित पेश हो चुके हैं. बता दें कि जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ही थे.

धवन ने अपनी बात साफ करते हुए कहा कि वह यह मांग नहीं कर रहे हैं कि जस्टिस ललित बेंच से अलग हो जाएं, वह बस जानकारी के लिए यह बता रहे थे. इसके बाद, खुद जस्टिस ललित ने इस मामले की सुनवाई से हटने की इच्छा जताई. जस्टिस ललित द्वारा बेंच से खुद को अलग करने की इच्छा जताने के बाद सीजेआई ने कहा कि जस्टिस ललित अब इस बेंच में नहीं रहेंगे, लिहाजा सुनवाई को स्थगित करनी पड़ेगी. जस्टिस यूयू ललित की जगह अब बेंच में नए जज को शामिल किया जाएगा, उसके बाद ही मामले की सुनवाई हो पाएगी.

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