सुप्रीम कोर्ट में विशेष सीबीआई जज बी.एच. लोया की कथित रहस्यमय मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हुई. फैसला अधूरा रहने के कारण अब अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
Justice Loya death case: Supreme Court to hear the matter on February 9, Friday
— ANI (@ANI) February 5, 2018
याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह रिकॉर्ड में नहीं है कि अस्पताल में न्यायाधीश बी एच लोया को क्या ट्रीटमेंट दिया गया था.
लोया संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे. लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. उस वक्त वह एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी की आखिरी सुनवाई के दौरान याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को गंभीर बताया था, लेकिन मामले में बीजपी अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाए जाने पर वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के प्रति भी नाराजगी जताई थी, जिन्होंने मीडिया संबंधी अपना बयान बाद में वापस ले लिया था.
तब से, राजनीतिक पार्टियां और प्रमुख रूप से कांग्रेस जज लोया की मौत के मुद्दे को न्यायिक मंच के बाहर उठा रही है और एक स्वतंत्र जांच की मांग कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में लंबित दो याचिकाएं कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बीएस लोन ने दायर की हैं. बाद में पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने एक अर्जी दायर कर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जजों और पूर्व पुलिस अधिकारियों की एक कमेटी से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी.
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