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JNU विवाद मामले में पुलिस को फटकार, कोर्ट ने पूछा- सरकार के बिना इजाजत क्यों की चार्जशीट फाइल

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया वो दस दिनों के अंदर दिल्ली सरकार से इसकी अनुमति ले लेगी

Updated On: Jan 19, 2019 02:16 PM IST

FP Staff

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JNU विवाद मामले में पुलिस को फटकार, कोर्ट ने पूछा- सरकार के बिना इजाजत क्यों की चार्जशीट फाइल

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट पत्र पर विचार करने के लिए सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार की अनुमति लिए बगैर चार्जशीट दायर करने पर लताड़ लगाई.

दरअसल दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि 'आप बिना अनुमति के चार्जशीट फाइल कैसे कर सकते हैं. आपके पास लीगल डिपार्टमेंट नहीं है.'

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया वो 10 दिन के अंदर दिल्ली सरकार से इसकी अनुमति ले लेगी. दरअसल दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आती है. लेकिन राजद्रोह के मामले में CRPC के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता.

Patiala House Court

पटियाला हाउस कोर्ट

कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को करेगी. इसलिए 6 फरवरी के पहले-पहले दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से इसके लिए इजाजत लेनी होगी.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने लगभग तीन साल बाद, जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के खिलाफ 14 जनवरी को 1200 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस ने इन सभी पर राजद्रोह का आरोप लगाया है.

पुलिस ने इस चार्जशीट में यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य को भी आरोपी बनाया है.

जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी

जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी

किन-किन धाराओं के तहत लगाए गए हैं आरोप

कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के तौर पर इस्तेमाल करना), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना), 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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