भारतीय सैनिकों के शौर्य और साहस की कहानी तो दुनिया सुनाती है लेकिन एक और चीज है जो भारतीय सैनिकों की तरफ सबका ध्यान खींचती है. वो है इनका मानवीय व्यवहार. बॉर्डर हो या देश के भीतर ही, इसकी कई मिसालें आए दिन देखने और सुनने को मिलती हैं. ऐसा ही एक मामला झारखंड में भी देखने को मिला.
झारखंड में नक्सली, भारतीय अर्धसैनिक बलों के सामने बंदूक लेकर खड़े रहते हैं. जिनका जवाब सैनिक भी गोली से ही देते हैं. लेकिन उनका मकसद सिर्फ नक्सलियों को मारने का ही नहीं होता उन्हें सही रास्ते पर लाने का होता है. तभी तो सीआरपीएफ की 133वीं बटालियन के जवान राजकुमार एक नक्सली की जान बचाने के लिए झट से अपना खून देने को तैयार हो गए.
Jharkhand: Constable Rajkamal of the 133 Battalion of the Central Reserve Police Force (CRPF) donated blood to a naxal at RIMS hospital, Ranchi. The naxal was injured during exchange of fire with troops of 209 Commando Battalion for Resolute Action (CoBRA). pic.twitter.com/64FpfRbjlp
— ANI (@ANI) February 5, 2019
दरअसल एक नक्सली, सीआरपीएफ की 209वीं बटालियन के कोबरा कमांडो के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जिसके बाद उसके साथी तो उसे छोड़ कर भाग निकले लेकिन सीआरपीएफ के जवानों ने उसे उपचार के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती करा दिया. यहां जब उसे खून की जरूरत पड़ी तब भी सीआरपीएफ ही सामने आई. और कॉन्सटेबल राजकमल ने उसे खून दिया.
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