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वेदा निलयम: जयललिता की भावनाओं का घर

यह अब एक घर नहीं, बस एक पता रह जाएगा.

Updated On: Dec 06, 2016 05:56 PM IST

Balakumar Kuppuswamy

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वेदा निलयम: जयललिता की भावनाओं का घर

हमेशा व्यस्त रहने वाले कैथेड्रल रोड से निकलने वाली यह गली आमतौर पर शांत रहती है. बंगलों और ऊंचे अपार्टमेंट्स वाले सड़क पर एंट्री के पास एक पुलिस पोस्ट बना है. इतनी साधारण बातों में सिर्फ एक ही असाधारण बात है, जो इस पूरे इलाके को अलग बनाती है और वो है, ये गली राज्य के सबसे मशहूर पतों में से एक 'वेदा निलयम' के लिए जाती है.
पिछले 35 वर्षों से ज्यादा वक्त तक राज्य की राजनीति के कई अहम पलों का गवाह बना वेदा निलयम (36, पोएस गार्डन, चेन्नई- 60086) खुद अपने आप में एक विरोधाभास है. कुछ ऐसा ही आप इसके मशहूर निवासी के बारे में भी कह सकते हैं. यह घर जयललिता के जीवन के उतार-चढ़ाव का हिस्सा रहा है. यह उनके लिए सुकून का आसरा रहा है. उनके रहस्यों का घर रहा है. इसकी दीवारों और गलियारों में जयललिता की बदलती भावनाओं के एहसास दर्ज हैं.
1967 में बने इस घर का नाम उनकी मां (वेदावल्ली उर्फ संध्या) के नाम पर था. यह जयलिलता का अपनी मां को ट्रिब्यूट था. वो उनकी मां ही थीं, जो उन्हें फिल्मों में लाईं. अम्मू से पूरे राज्य की अम्मा तक के सफर और तरक्की में वेदा निलयम ने सहारे और आधार का काम किया.
जयललिता को सुन्दर और शानदार 'सिरुथावुर बंगला' भी मिला था. उनके पास और खूबसूरत और बड़ा कोदानाडु एस्टेट भी था. लेकिन यह वेदा निलयम ही था, जहां वह भावनात्मक बल पाने के लिए आती थीं. सिरुथावुर बंगला और कोदानाडु एस्टेट उनकी प्रॉपर्टीज थीं, वेदा निलयम उनका घर था.
वह जब तक वहां होतीं थीं, सुरक्षित महसूस करती थीं. यहां वो खुद पर अपने फरिश्तों का हाथ महसूस करती थीं, जो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की निगहबानी करते थे. आखिर यह घर उनकी मां का था. उनकी परेशानियां सिर्फ इसके बाहर की दुनिया में थीं.
इस घर के कुछ हिस्से हैं, जहां कभी आगंतुकों और मेहमानों की नजर नहीं पड़ी. यह जयललिता के मन की भावनाओं की तरह ही थी, जिन्हें कोई नहीं जान पाता था. हमें जो दिखता था, वह इमारत का बाहरी हिस्सा था - सुंदर, विशाल, प्रभावी, स्टाइलिश, कार्यकुशल - जिसने अंदर की कई परतों को छिपा रखा था. यह मानों जयललिता की कहानी का प्रतीक था.
आज इस घर के दरो-दीवार रो रहे होंगे. इसका मालिक इसके आरामदायक आलिंगन में कभी वापस नहीं आएगा. यह अब एक घर नहीं, बस एक पता रह जाएगा.
(लेखक न्यूजटुडे के संपादक हैं. यह लेख newstodaynet.com से साभार.)  

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