न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ की ओर से प्रकाशित एक आलेख के सिलसिले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की ओर से दायर केस के सभी आरोपियों ने शनिवार को अपने खिलाफ लगाए गए आपराधिक मानहानि के आरोप को नकारा. यह जानकारी जय शाह के वकील ने दी.
‘द वायर’ की ओर से प्रकाशित आलेख में दावा किया गया था कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार बनने के बाद जय शाह की कंपनी के कारोबार में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया. इस आलेख के प्रकाशित होने के बाद जय शाह ने वेबसाइट के मालिक और कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ अदालत में आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था. जय शाह के वकील प्रकाश पटेल ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस के गढ़वी ने शनिवार को आरोपियों के बयान दर्ज किए.
पटेल के मुताबिक, आरोपियों ने इस आरोप को नकारा कि उन्होंने आपराधिक मानहानि की. लिहाजा, अब मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 मार्च से इस मामले में मुकदमे (ट्रायल) की शुरुआत होगी.
जय शाह ने आलेख की लेखिका रोहिणी सिंह, ‘द वायर’ के संस्थापक संपादकों - सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एम के वेणु, प्रबंध संपादक मोनोबीना गुप्ता, जन संपादक पामेला फिलिपोज और वेबसाइट के मालिक ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म’के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था.
आरोपियों ने गुजरात हाई कोर्ट से इस केस को रद्द करने की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिल सकी.
जय शाह ने उक्त आलेख के मुद्दे पर 100 करोड़ रुपए का एक दीवानी मानहानि केस भी दाखिल कर रखा है.
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