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दो दिन पहले ट्विटर पर शेयर हुआ था जैश की धमकी का वीडियो, सेना की तैयारी के बावजूद हुआ हमला

हमले के दो दिन पहले एक प्राइवेट ट्विटर अकाउंट पर जैश-ए-मुहम्मद का एक धमकी भरा वीडियो शेयर किया गया था, जिसे राज्य की पुलिस ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया था.

Updated On: Feb 15, 2019 12:28 PM IST

FP Staff

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दो दिन पहले ट्विटर पर शेयर हुआ था जैश की धमकी का वीडियो, सेना की तैयारी के बावजूद हुआ हमला

हैरानी की बात है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के दो दिन पहले एक प्राइवेट ट्विटर अकाउंट पर जैश-ए-मुहम्मद का एक धमकी भरा वीडियो शेयर किया गया था, जिसे राज्य की पुलिस ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया था. एजेंसियों को इससे संकेत मिले थे कि सेना पर हमला हो सकता है, जिसके बाद एजेंसियों ने तैयारी की थी. लेकिन आतंकियों ने फिर भी इस हमले को अंजाम दे दिया, जिसमें 42 जवान शहीद हो गए.

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो दिन पहले एक निजी ट्विटर अकाउंट पर अपलोड की गई खुफिया सूचना सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा की थी जिसमें पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने सुरक्षा बलों पर आत्मघाती हमला करने की धमकी दी थी.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य पुलिस की ओर से जारी खुफिया जानकारी ट्विटर हैंडल से जुड़ा था. इस ट्विटर हैंडल का नाम है '313_get'. इस पर 33 सकेंड का एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें आतंकवादी सोमालिया में जवानों पर हमला करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में जिस तरीके से हमला किया गया है उसी तरीके से पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रही एक बस पर हमला किया गया. इस वीडियो के साथ लिखा हुआ था कि 'इंशाल्लाह कश्मीर में भी ऐसा ही होगा.' ये ट्विटर हैंडल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए ऑपरेट किया जा रहा है, जिसकी वजह से इसकी लोकेशन पता करना मुश्किल है.

अधिकारियों ने बताया कि इस वीडियो को दो दिन पहले हुई एक मीटिंग में शेयर किय गया था, जिसमें ऐसे आतंकी हमले की आशंका जताई गई थी. राज्य पुलिस ने इस हमले के तरीकों पर एक डमी वीडियो भी बनाया था.

गुरुवार को काफिला निकलने से पहले सीआरपीएफ ने सभी सुरक्षा सावधानियां अपनाई थीं. इसके लिए रूट पर आईईडी, आतंकियों के ग्रेनेड फेंकने या गोलीबारी करने की सभी आशंकाओं की जांच कर ली गई थी.

लेकिन सुरक्षा बलों से एक चूक हो गई. सुरक्षा बलों ने जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को अपना काफिला गुजरने के दौरान आम लोगों के लिए भी खोले रखा था. इसका नतीजा बहुत भयानक साबित हुआ. आर्मी की इस छूट का फायदा उठाकर जेईएम के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटक से भरी गाड़ी सीआरपीएफ जवानों से भरे एक ट्रक से भिड़ा दी, जिससे बहुत बड़ा धमाका हुआ. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए.

कहा जा रहा है कि इस हमले की तैयारी एक साल पहले से चल रही थी. एक साल पहले रिपोर्ट आई थी कि सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के बीच मोबाइल फोन इंटरसेप्शन के जरिए संपर्क है और वो कश्मीर में हाई-प्रोफाइल अटैक करने के लिए साथ काम कर रहे हैं. खबर मिली थी ये दोनों आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर एक बड़ा कार या ट्रक बम अटैक अंजाम देने की जुगत में हैं.

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