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J&K: सेना की लोगों से अपील, अलगाववादियों के मार्च में शामिल न हों आम लोग

अलगाववादियों ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ में सात आम नागरिकों की मौत के विरोध में मार्च का आह्वान किया है

Updated On: Dec 17, 2018 11:29 AM IST

Bhasha

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J&K: सेना की लोगों से अपील, अलगाववादियों के मार्च में शामिल न हों आम लोग

भारतीय सेना ने रविवार को लोगों से कहा कि वे अलगाववादियों के आह्वान पर सेना के चिनार कोर के मुख्यालय की ओर मार्च न करें. अलगाववादियों ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ में सात आम नागरिकों की मौत के विरोध में मार्च का आह्वान किया है. अलगाववादियों ने ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के बैनर तले लोगों से सोमवार को बदामी बाग स्थित सेना के चिनार कोर के मुख्यालय तक मार्च करने का आह्वान किया है.

जेआरएल में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक शामिल हैं. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में मुठभेड़ स्थल की ओर बढ़ रही भीड़ पर सुरक्षाबलों की गोलीबारी में सात आम नागरिकों की मौत हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे. इसके बाद अलगाववादियों ने शनिवार को इस मार्च का आह्वान किया.

इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए जबकि सेना का एक कर्मी भी शहीद हुआ है. सेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि सेना ने लोगों से कहा कि वे जेआरएल की ओर से ‘गुमराह करने वाले आह्वान’ पर ध्यान नहीं दें.

सेना हमेशा कश्मीर के लोगों के साथ

बयान में कहा गया है, 'सेना हमेशा से कश्मीर के लोगों के साथ है और सुरक्षा बलों के खिलाफ आवाम को खड़ा करने के आतंकवादी-अलगाववादी-पाकिस्तान गठजोड़ की ऐसी साजिशों को नाकाम कर देगी. लोगों को एक बार फिर से सलाह दी जाती है कि वे जेआरएल द्वारा इस गुमराह आह्वान पर ध्यान नहीं दें.'

प्रवक्ता ने कहा कि सेना, सुरक्षा एजेंसियों और असैन्य प्रशासन के साथ 'आतंकवाद और पाकिस्तान और कश्मीर में इसके कारिंदों द्वारा प्रायोजित छद्म युद्ध से लड़ रही है.' बयान में कहा गया है, 'सुरक्षा बलों का मकसद आवाम के समर्थन से घाटी में अमन और सामान्य हालात लाना है.

बलों ने नियंत्रण रेखा से बड़ी संख्या में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को खत्म किया है और समग्र स्थिति में सुधार के लिए अंदरूनी इलाकों में इस साल इससे भी बड़ी संख्या में आतंकवादियों को खत्म किया है और खुद का बड़ा बलिदान दिया है. ये आतंकवादी, आम नागरिक, एसपीओ, पुलिस कर्मियों और छुट्टी पर गए अन्य सुरक्षा कर्मियों समेत बेगुनाह कश्मीरियों की बर्बर हत्याओं में शामिल थे.'

प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों ने क्रॉस फायर में आम लोगों की जान बचाने के लिए तथा जान-ओ-माल के नुकसान को कम करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है. उन्होंने कहा कि किसी भी आम व्यक्ति की जान हानि सुरक्षा बलों के लिए हमेशा दुखद होती है. मुठभेड़ स्थलों पर भोले-भाले युवकों को भड़काने और इस्तेमाल करने के लिए निहित स्वार्थ जारी है.

जेआरएल द्वारा बदामी बाग छावनी की ओर मार्च का आह्वान एक और ऐसी ही कोशिश है. पाकिस्तानी कारिंदों द्वारा ऐसे आह्वान का भारतीय सेना कड़ी निंदा करती है और लोगों को सलाह देती है कि राष्ट्र विरोधी ताकतों के ऐसे मंसूबों में न फंसें.'

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