इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दिल्ली के चांदनी चौक में छापे के दौरान कम से कम 30 बेनामी लॉकरों का पता लगाया है. अगस्त 2016 में बेनामी संपत्ति (प्रोहिबिशन) अमेंडमेंट एक्ट के पास होने के बाद दिल्ली में बेनामी लॉकरों के पता लगने का यह पहला मामला है. इन लॉकरों से लगभग 10 करोड़ रुपए निकले हैं. ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि छापेमारी जारी है.
शनिवार तक 300 लॉकर में से 120 लॉकर खोले जा चुके थे. इनमें 25 करोड़ रुपए हैं. अधिकारियों के मुताबिक ये बेनामी लॉकर पूर्व कर्मचारियों, वर्तमान के कर्मचारियों और लॉकर मालिकों के कुछ रिश्तेदारों के नाम पर खोले गए थे. जांच के दौरान पता चला कि कई लॉकर मालिक उस कंपनी के साथ पहले काम करते थे. पर उनके नाम पर खुले लॉकरों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन लॉकर मालिकों का कहना था कि जब वो उन फर्मों के लिए काम करते थे तब उन्होंने अपने डॉक्यूमेंट जमा किए थे. हो सकता है उन्ही दस्तावेजों के मदद से ये लॉकर खोले गए हों.
आईटी डिपार्टमेंट ने एक लैपटॉप और एक रजिस्टार भी जब्त किया है जिसमें सारी इंट्री की जाती थी. जो भी लॉकर में पैसा जमा करने या फिर निकालने आता था उनकी इंट्री की जाती थी. लैपटॉप और रजिस्टर में लिखे नामों के आधार पर आईटी ने लोगों को समन जारी किया है. लेकिन दो हफ्ते बाद भी कुछ लोग सामने आए फिर लॉकरों को तोड़ा गया और सारी साजिश का फंडाफोड़ हुआ.
आईटी अधिकारियों के मुताबिक हवाला कारोबार से जुड़ी कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर दो तीन लॉकर खोल रखे थे.
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