सीबीआई ने यहां एक कोर्ट से कहा कि इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के मामले में उसका कोई दखल नही है.
सीबीआई ने जांच एजेंसी के मामलों के लिए स्पेशल जस्टिस जे.के पांड्या से शनिवार को कहा कि उसे सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों डी.जी वंजारा और एन के अमीन को अभियोजित करने के लिए उसे गुजरात सरकार से अब तक अनुमति नहीं मिली है.
कोर्ट ने जब देरी के बारे में पूछा, तब सीबीआई के वकील आरसी कोडकर ने कहा इस संबंध में उसका कोई दखल नहीं है. इस विषय पर अब 28 जनवरी को सुनवाई होगी.
अगस्त 2018 में वंजारा और अमीन की आरोपमुक्त करने की अर्जियों को खारिज करते हुए अदालत ने सीबीआई से इस बारे में सूचना देने को कहा था क्या राज्य सरकार ने उन्हें अभियोजित करने की इजाजत दी थी. गौरतलब है कि 19 वर्षीय इशरत जहां 15 जून 2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में पुलिस की कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई थी.
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने इशरत जहां से संबंधित कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन की आरोप-मुक्त किए जाने की याचिका खारिज कर दी है. पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले पुलिस मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने इस केस से जुड़े अधिकारियों को आरोप मुक्त न करने की गुजारिश कोर्ट से की थी.
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