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तेल की बढ़ती कीमतों पर भारत ने की शिकायत, ओपेक देश समाधान खोजने में जुटे

ओपेक और उसके सहयोगी देशों ने आश्वस्त किया है कि वे बाजार की मांग के अनुसार आपूर्ति जारी रखेंगे. उनके इस आश्वासन के पीछे उनके अतिरिक्त उत्पादन की क्षमता को माना जा रहा है

Updated On: Oct 12, 2018 05:28 PM IST

FP Staff

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तेल की बढ़ती कीमतों पर भारत ने की शिकायत, ओपेक देश समाधान खोजने में जुटे

भारत द्वारा तेल की कीमतों के बारे रोष प्रकट करने के बाद उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने उन्हें दोबारा भरोसे में लेने की कोशिश की है. ओपेक के महासचिव मोहम्मद बरकिंदो ने कहा, 'घबराने की कोई जरुरत नहीं है.' उन्होंने बताया कि भारत ने ऑयल मार्केट की दशा-दिशा पर चिंता जताई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उन्होंने इस बात पर तो जोर दिया कि तेल की आपूर्ति संतोषजनक है. लेकिन उन्होंने ये बताने से मना कर दिया कि आखिर और कितना ज्यादा तेल और उत्पादन करने की क्षमता तेल उत्पादक देश रखते हैं. यही कारण है कि ओपेक देशों के प्रयास के बावजूद तेल के दाम घट नहीं पा रहे हैं.

ओपेक और उसके सहयोगी देशों ने आश्वस्त किया है कि वे बाजार की मांग के अनुसार आपूर्ति जारी रखेंगे. उनके इस आश्वासन के पीछे उनके अतिरिक्त उत्पादन की क्षमता को माना जा रहा है. बकरिंदो ने लंदन में आयोजित ऑयल एंड मनी कॉन्फ्रेंस में कहा कि ग्रुप अपने ग्राहकों के किसी भी डर को दूर करना चाहता है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ओपेक देश 17 अक्टूबर को भारत के साथ बातचीत करेंगे.

सऊदी अरब पर आशंका

ओपेक का सबसे बड़ा तेल उत्पादक सदस्य देश सऊदी अरब और सहयोगी देश रूस ने संकेत दिए कि वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि समस्या का समाधान निकाला जाए. दोनों ही देश ईरान पर पाबंदियों की वजह से बाजार में तेल आपूर्ति की कमी को पाटने के लिए प्रति दिन 10 लाख बैरल अतिरिक्त तेल की आपूर्ति करेंगे. लेकिन, व्यापारियों में चिंता इस बात की है कि सऊदी अरब तेल उत्पादन को बढ़ाने में पर्याप्त तेजी नहीं दिखा रहा है. व्यापारियों को यह भी आशंका है कि शायद सऊदी अरब के पास तेल उत्पादन बढ़ाने की क्षमती ही नहीं है.

ओपेक के 25 सदस्य देश और कुछ अन्य देशों के बीच समस्या के दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए बातचीत जारी है. ओपेक मेंबर, गैर सदस्यों देशों के साथ मिलकर ओपेक प्लस बनाता है. ओपेक के प्रतिनिधियों को गवर्नर कहते हैं. ये गवर्नर 23 अक्टूबर को वियना में मिलकर बातचीत करेंगे. वहीं सहयोगी देशों के अधिकारी 7 नवंबर को आगे की बातचीत के लिए वहां पहुंचेंगे.

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