भारत ने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट को ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित’ बताकर गुरुवार को इसे खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह देश की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.
बुधवार को जारी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने भारत और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कही है और इस बारे में अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की है.
India rejects report. It is fallacious, tendentious and motivated. We question intent in bringing out report. It is a selective compilation of largely unverified information: MEA on report by Office of UN High Commissioner for Human Rights on “human rights situation in Kashmir"
— ANI (@ANI) June 14, 2018
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत इस रिपोर्ट को खारिज करता है. यह ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित है. हम ऐसी रिपोर्ट की मंशा पर सवाल उठाते हैं.’ इसमें कहा गया है कि इस रिपोर्ट को काफी हद तक अपुष्ट सूचना को चुनिंदा तरीके से एकत्र करके तैयार किया गया है.
मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत की सम्प्रमुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है. सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. पाकिस्तान ने भारत के इस राज्य के एक हिस्से पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है.
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