कुछ दिनों पहले ही नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को मुकाबले के लिए ललकारा था. यह मुकाबला सीमा पर नहीं बल्कि गरीबी और अशिक्षा के फ्रंट पर होना था.
इस बीच ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स यानी जीसीआई ने भारत को टक्कर का एक मौका जरूर दे दिया है.
वैसे ये अलग बात है कि ये वो पैमाने नहीं हैं जिन पर प्रधानमंत्री मुकाबला करना चाहते थे.
GCI इन मोर्चों पर चीन और पाकिस्तान के साथ भारत की तुलना की है-
पाकिस्तान 122वें और चीन 28वें नंबर पर है.
इंडेक्स ने बिजनेस करने में आने वाली 16 समस्याओं की लिस्ट तैयार की है. इसी के आधार पर सभी देशों की रैंकिंग की है. जीसीआई के ये 16 पैमाने हैं-
चीन में कारोबार करने की तीन समस्याओं में लोन मिलने में मुश्किल, पॉलिसी में अस्थिरता और कमजोर सरकारी ब्यूरोक्रेसी है.
पाकिस्तान में तीन सबसे बड़ी समस्याएं भ्रष्टाचार, क्राइम व चोरी और टैक्स रेट्स हैं.
इंडिया में चीन के मुकाबले सरकारी ब्यूरोक्रेसी और फाइनेंसिंग चीन से बेहतर है.
पाकिस्तान की बात करें तो वह लेबर रेगुलेशंस, इनोवेशन की क्षमता और पब्लिक हेल्थ के मामले में बेहतर है.
इस इंडेक्स में इंडिया ने जिस तरह छलांग लगाई है वह बेहतरीन है.
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