आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा है कि कराधान एवं कर्ज वसूली जैसे क्षेत्रों में किए गए आधारभूत सुधारों से भारत को वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ावों को पहले से अधिक आसानी से निपटने में मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि नीतियों के मोर्चे पर उठाए जा रहे विवेकपूर्ण कदमों से इस समय दिख रहे वित्तीय दबावों और तेल की कीमतों में उछाल से जुड़ी दिक्कतों को भी काबू करने में मदद मिलेगी.
गर्ग ने इंडोनेशिया के बाली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक में कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे बदलाव भाप इंजन के अविष्कार से भी ज्यादा मौलिक बदलाव ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति पूरी दुनिया में बदलाव ला रही है. गर्ग ने हाल में जारी मानव पूंजी सूचकांक (एचसीआई) पर बोलते हुए कहा कि मानव पूंजी को लगातार विकसित करने की जरूरत है.
पाकिस्तान से नीचे भारत:
उन्होंने कहा कि एचसीआई डिजिटल युग की मानव पूंजी की स्थिति और उत्पादन प्रणाली को मापने के लिए औद्योगिक युग की प्रणाली का इस्तेमाल करता है. डिजिटल युग की मानव पूंजी की माप के लिए एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता है.
विश्वबैंक ने पहली बार शिक्षा और स्वास्थ्य के आधार पर मानव पूंजी सूचकांक (एचसीआई) जारी किया है. विश्वबैंक ने कुल 157 देशों की सूची में भारत को 115वें पायदान पर रखा है. सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसकी आलोचना की है.
सूची में भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश (106), नेपाल (102) और श्रीलंका (74) को उससे ऊपर रखा गया है. यह सूचकांक बच्चों के जीवित रहने की संभावना, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे पैमानों पर देशों का आकंलन करता है.
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