live
S M L

भारत सरकार की दिलचस्पी मेरे पैसे लौटाने में नहीं, मुझे भारत लाने में है: विजय माल्या

माल्या ने बताया कि वो भारत से कभी भागे ही नहीं बल्कि 1992 से वो ब्रिटेन के स्थायी निवासी हैं और उनका बिजनेस और घर सब ब्रिटेन में ही रहा है

Updated On: Dec 15, 2018 07:46 PM IST

FP Staff

0
भारत सरकार की दिलचस्पी मेरे पैसे लौटाने में नहीं, मुझे भारत लाने में है: विजय माल्या

यूके की एक अदालत द्वारा भगोड़े टाइकून विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी के बाद माल्या ने कहा है कि भारत का ध्यान पैसा वसूलने के बजाय उन्हें देश में लाने पर ज्यादा है. विजय माल्या भारत में उसके किंगफिशर एयरलाइंस के असफल होने के बाद 9,000 करोड़ रुपए के ऋण डिफॉल्ट मामले में वांटेड हैं.

एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में माल्या ने कहा कि वेस्टमिनिस्टर कोर्ट द्वारा उनके भारत प्रत्यर्पण पर मुहर लगाने के बाद वो हाई कोर्ट में अपील का रास्ता अपना सकते हैं.

2016 से सेटलमेंट की कोशिश कर रहा हूं:

कोर्ट के बाहर मामले को निपटाने के सवाल पर माल्या ने कहा कि 'मैं सुप्रीम कोर्ट से बहुत पहले 2016 की शुरुआत से ही मामले को खत्म करने का प्रस्ताव दे रहा हूं. लेकिन बैंकों को सीबीआई और ईडी की तरफ से सख्त निर्देश दिए गए थे कि वो मेरे हर प्रस्ताव को ठुकरा दें. क्योंकि फिर सीबीआई और ईडी मुझे दोषी नहीं बना पाती. आज ईडी और बैंक मेरी संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं. इसलिए मैंने कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने अपना सेटलमेंट प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. ताकि अदालत मेरी संपत्ति बेच सके और कर्मचारियों, बैंकों और अन्य लेनदारों को दे सके.

ये भी पढ़ें: 'माल्या जी को चोर कहना गलत' बयान पर फंसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, फिर दी ऐसी सफाई

एनडीटीवी द्वारा अभी तक पैसे वसूलना शुरु नहीं किए जाने के सवाल पर माल्या ने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. माल्या ने दो टूक कहा कि साफ है कि भारत की दिलचस्पी पैसे वसूल करने में नहीं बल्कि भारत में मेरी उपस्थिति पर ज्यादा केंद्रित है.

मुझे समझ नहीं आता लोग ये क्यों बोलते हैं कि मैं भारत से भाग गया:

इसके साथ ही माल्या ने बताया कि वो भारत से कभी भागे ही नहीं बल्कि 1992 से वो ब्रिटेन के स्थायी निवासी हैं और उनका बिजनेस और घर सब ब्रिटेन में ही रहा है.

nirav modi vijay mallya

विजय माल्या-नीरव मोदी

माल्या ने कहा कि- 'मैं 1988 से एनआरआई रहा हूं और 1992 में ब्रिटेन में स्थायी निवास प्रदान किया गया था. 2002 में, जब मैं पहली बार सांसद चुना गया था तो बीजेपी ने चुनाव आयोग और कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष मेरे चुनाव को चुनौती दी थी. उन्होंने मेरे एनआरआई होने को मुद्दा बनाया था. लेकिन मैं दोनों जीता. यह एक गलत धारणा है कि 1992 के बाद मेरा प्राथमिक घर और व्यापार भारत में था. असल में मेरा आधार यूके में था, इसलिए मुझे ये बात कभी समझ ही नहीं आई कि मैं भारत से भाग गया.'

ललित मोदी और नीरव मोदी पर पूछे गए सवाल को माल्या ने टाल दिया और उस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया. साथ ही माल्या ने साफ कहा कि उन्हें लोन डिफॉल्ट का पोस्टर ब्वॉय सिर्फ इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि सरकार कई और बड़े घोटालेबाज हैं जिनपर सरकार ध्यान नहीं दे रही.

ये भी पढ़ें: केवल एक बार कर्ज नहीं लौटा पाने वाले ‘माल्याजी’ को चोर कहना सही नहीं: गडकरी

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi