बुधवार को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि विश्व बैंक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे से सहमत नहीं है कि भारत टैरिफ किंग है. इसी के साथ उनका मानना है कि भारतीय कर प्रणाली और अर्थव्यवस्था कुछ दशकों पहले की तुलना में अधिक उदार हुई है.
दरअसल इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने भारत को 'टैरिफ किंग' कह कर संबोधित किया था. साथ ही उन्होंने अपने आरोपों को दोहराया कि नई दिल्ली में विभिन्न अमेरिकी सामानों पर टैरिफ दरें काफी ज्यादा हैं. न्यूज18 की खबर के हवाले से विश्व बैंक के वरिष्ठ निदेशक और कार्यकारी मुख्य अर्थशास्त्री शांता देवराजन ने ट्रंप के बयान के बारे में कहा, 'वह बयान (भारत एक टैरिफ किंग है) निश्चित रूप से हमारे डेटा में मेल नहीं खाता है.'
विश्व बैंक में दक्षिण एशिया के मुख्य अर्थशास्त्री देवराजन ने कहा, 'भारत में कुछ टैरिफ हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह टैरिफ किंग है.' उन्होंने विश्व बैंक में अपने पिछले अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में भी हाई टैरिफ नहीं है. उन्होंने भारत में टैरिफ में कमी की भी बात कही.
अधिकारी का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण अपने परिणाम दिखा रहा है. उन्होंने कहा, 1991 में टैरिफ बहुत ज्यादा था, जब उन्होंने उदारीकरण किया और उन्होंने पाया कि वास्तव में अर्थव्यवस्था में तेजी आई है. देवराजन ने कहा कि इससे आगे के सुधारों के लिए राजनीतिक समर्थन में भी मदद मिली है.
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