मध्यप्रदेश में पिछले साल जिला अदालतों द्वारा 21 मामलों में 22 मुजरिमों को फांसी की सजा सुनाए जाने को लेकर सूबे के अभियोजन विभाग के नाम कीर्तिमान दर्ज किया गया है. वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स यूके ने विभाग की इस उपलब्धि को कीर्तिमान के रूप में मान्यता देते हुए प्रमाणपत्र जारी किया है.
लोक अभियोजन विभाग के डायरेक्टर जनरल राजेंद्र कुमार के मुताबिक देश के अन्य राज्यों के मुकाबले पिछले साल मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 21 मामलों में फांसी की सजा सुनायी गयी थी. इनमें से 19 मामले यौन अपराधों से संबंधित थे.
उन्होंने कहा कि खासकर छोटी बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में मुजरिमों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद उम्मीद है कि समाज में ऐसे घिनौने अपराधों में कमी आएगी.
अभियोजन विभाग की जनसंपर्क अधिकारी मौसमी तिवारी ने बताया कि राज्य में एक जनवरी 2018 से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक जिला और सेशन कोर्ट ने कुल 21 मामलों में 22 मुजरिमों को सजा-ए-मौत सुनाई जिसमें छोटी बच्चियों से बलात्कार के 18 मामले, बलात्कार के बाद 30 वर्षीय महिला की हत्या का मामला और जघन्य हत्या के दो मामले शामिल हैं.
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