पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस के विरोध के बाद कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों ने फ्यूल का दाम करने का दूसरा तरीका अपनाने का फैसला लिया है. हिमाचल प्रदेश, पंजाब और कर्नाटक में सरकार ने वैट कम करने का फैसला लिया है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों को थोड़ा काबू में किया जा सके.
हिमाचल सरकार ने इस संबंध में एक कदम भी बढ़ा दिया है. इस संबंध में सरकार ने विभाग से प्रस्ताव मांगा है. सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक फीसदी वैट घटाने की तैयारी कर रही है. द स्टेट्समैन की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की सरकारें वैट कम करने की दिशा में बढ़ रही हैं. कांग्रेस ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पूर्व वीरभद्र सरकार ने भी अपने कार्यकाल में 2 प्रतिशत वैट कम किया था.
अगर प्रदेश सरकार वैट में कमी करती है तो प्रदेश में पेट्रोल 64 पैसे और डीजल 30 पैसे सस्ता हो जाएगा, हालांकि, सरकार को अपने इस फैसले से सालाना 84 करोड़ से ज्यादा का वित्तीय घाटा सहना होगा.
हिमाचल में मंगलवार को पेट्रोल 81.21 रुपए और डीजल 72.72 रुपए प्रति लीटर था. हालांकि, देश में हिमाचल में डीजल पर सबसे कम 15 प्रतिशत वैट है. वहीं, पेट्रोल के मामले में सबसे कम वसूली में हिमाचल देश में दूसरे नंबर पर है.
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017-18 में हिमाचल सरकार को पेट्रोल और डीजल से 916 करोड़ 25 लाख का राजस्व मिला था. अब अगर सरकार एक फीसदी वैट कम करती है तो यह राजस्व 832 करोड़ 10 लाख रह जाएगा.
बता दें कि राजस्थान की बीजेपी सरकार पहले ही राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट घटा चुकी है. चूंकि वहां विधानसभा चुनाव भी हैं इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है.
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