नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के तहत बनने वाले एक कोयला आधारित पावर प्लांट प्रोजेक्ट को टाल दिया है. इसके पीछे पाकिस्तान सरकार का तर्क है कि आने वाले कुछ सालों के लिए पर्याप्त उत्पादन क्षमता के प्रोजेक्ट पहले से ही कतार में हैं.
CPEC पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है. यह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल का बेहद खास अंग है. पाकिस्तान की पिछली पीएमएल-एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) सरकार ने चीन द्वारा स्थापित की जाने वाली 1,320 मेगावाट की रहीम यार खान बिजली परियोजना को आगे बढ़ाया था.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आधिकारिक तौर पर चीन को यह संदेश भेज दिया है कि वह अब इस परियोजना में रुचि नहीं रखते हैं, क्योंकि अगले कुछ सालों के लिए पर्याप्त उत्पादन क्षमता की परियोजनाएं पहले से ही कतार में हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने चीन से इस प्रोजेक्ट को आधिकारिक तौर पर CPEC से बाहर करने के लिए कहा है. पिछले महीने हुई 8वीं संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) की बैठक के दौरान, योजना और विकास मंत्री मखदूम खुसरो बख्तियार के नेतृत्व में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने CPEC सूची से रहीम यार खान आयातित ईंधन बिजली संयंत्र को हटाने का प्रस्ताव दिया था.
(इनपुट भाषा से)
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