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IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ की सलाह- किसानों की कर्जमाफी नहीं, कैश सब्सिडी बेहतर

आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट का पद संभालने के बाद वैश्विक विकास की पहली रिपोर्ट पेश करते हुए गोपीनाथ ने ये टिप्पणी की

Updated On: Jan 22, 2019 10:36 AM IST

FP Staff

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IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ की सलाह- किसानों की कर्जमाफी नहीं, कैश सब्सिडी बेहतर

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ी टिप्पणी की है. भारतीय मूल की गोपीनाथ ने कहा है कि किसानों की कर्जमाफी से किसानों की समस्या का हल नहीं होगा. उनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए कैश सब्सिडी बेहतर उपाय साबित हो सकता है.

आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट का पद संभालने के बाद वैश्विक विकास की पहली रिपोर्ट पेश करते हुए गोपीनाथ ने ये टिप्पणी की. उन्होंने किसानों के कर्जमाफी को लेकर कहा कि ऐसे लोकलुभावन उपायों से किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं होगा. इसके बजाय कैश सब्सिडी बेहतर रहेगा.

दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में गीता गोपीनाथ ने कहा, 'मेरा मानना है कि कृषि क्षेत्र पर बहुत बड़ा संकट है और किसानों की कर्जमाफी इसका स्थायी समाधान नहीं है. बल्कि इसके बदले कैश सब्सिडी ज्यादा मददगार होगा.

उन्होंने कहा कि सरकारों को किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए बेहतर तकनीक और बीज जैसी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए.

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपीनाथ ने कहा कि कृषि क्षेत्र और रोजगार पैदा करना एनडीए सरकार के लिए प्रमुख मुद्दा है. यह इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख चिंता का विषय भी रहेगा. लेकिन यह विकास दर के मद्देनजर सकारात्मक भी रहेगा. वर्ल्ड इकोनॅामिक आउटलुक अपडेट में कहा गया है कि 2019-20 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से आगे बढ़ेगी.

जबकि इस दौरान वैश्विक स्तर पर मंदी रहने के आसार रहेंगे. वहीं भारत 7.5 फीसद की विकास दर से आगे बढ़ेगा. 2020-21 के दौरान भारत की विकास दर 7.7 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है. इस दौरान चीन की विकास दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है.

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