आयकर विभाग ने भारतीयों के विदेशों में जमा अवैध धन और संपत्ति से संबद्ध मामलों की जांच के लिए बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है. विभाग ऐसे मामलों में कड़ी आपराधिक कार्रवाई के लिए कालाधन निरोधक कानून का उपयोग कर सकता है.
अधिकारियों ने कहा कि विभाग अन्य देशों के कर विभागों के साथ मिलकर विदेशों में हजारों भारतीयों द्वारा जमा कालाधन और खरीदी गई संपत्ति की जांच कर रहा है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने इस कदम की पुष्टि की लेकिन इस बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया.
हालांकि अधिकारियों ने कहा कि कर अधिकारी वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) और अन्य स्रोतों से विदेशों में हुए लेन-देन के महत्वपूर्ण ब्योरों के साथ ऐसे मामलों पर काम कर रहे हैं. और यह कालेधन के खिलाफ एक बड़ा समन्वित प्रयास का हिस्सा है. कई मामलों में लोगों को नोटिस जारी कर सौदों के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
नामी लोगों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
अधिकारियों के अनुसार ऐसे कई मामलों में नामी और चर्चित लोग हैं. कई उच्च नेटवर्थ वाले लोग जांच के घेरे में हैं. हालांकि नए कालाधन निरोधक कानून के तहत केवल उन्हीं मामलों में आपराधिक कार्रवाई होगी जो आयकर रिटर्न में कर अधिकारियों के समक्ष नहीं आया या कर चोरी के इरादे से किए गए.
सरकार ने नया कानून- कालाधन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कर अधिनियम, 2015 का अधिरोपण लाया है. नया कानून विदेशों में खरीदी गई अवैध संपत्ति से जुड़े मामलों से संबद्धित है. इस नए कानून के तहत अघोषित विदेशी संपत्ति और आय पर 120 प्रतिशत कर और जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावा इसमें 10 साल तक की जेल का भी प्रावधान है.
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