ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज यानि एम्स में एमबीबीएस कोर्सेज में प्रवेश के लिए 1 फरवरी, 2018 को एम्स प्रबंधन ने अधिसूचना जारी कर दी है. ये प्रवेश परीक्षा एम्स प्रबंधन द्वारा ही संचालित की जाती है. इस बार की अधिसूचना में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है. ये बदलाव परीक्षा के शेड्यूल के अलावा सीटों की संख्या और अलग अलग कैंपसों से संबंधित है. एम्स में एडमिशन लेने के इच्छुक मेडिकल परीक्षार्थियों को एम्स प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा जिसके लिए अंतिम तारीख 5 मार्च, 2018 निर्धारित की गयी है.
इस साल से एम्स में सीटें बढ़ रही हैं. दो नए एम्स कैंपस इस बार से 50-50 सीटें एडमिशन के लिए ऑफर कर रहें हैं. सीटों के अलावा परीक्षा की समय सारणी में भी बदलाव किया गया है. 2017 तक मेडिकल प्रवेश परीक्षा एक ही दिन में दो पालियों में संपन्न हो जाती थी लेकिन इस बार से ये परीक्षा 4 पालियों में 26 और 27 मई को दो दिनों में संपन्न होगी. उम्मीद की जा रही है कि इस बार परीक्षार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी.
1956 में संसद के एक कानून से स्थापित एम्स राष्ट्रीय महत्व का एक महत्वपूर्ण स्वायत्त संस्थान है. एम्स उत्कृष्ट शिक्षा के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में पहचाना जाता है. पूरे देश में केवल दो मेडिकल शिक्षा संस्थान हैं जो अपने यहां एडमिशन के लिए खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं,एम्स उनमें से एक है जबकि दूसरा संस्थान पुडुचेरी का जिपमर है. देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एक केंद्रीयकृत नीट परीक्षा आयोजित की जाती है.
क्या नया है इस बार की एम्स प्रवेश परीक्षा 2018 में
दो नए एम्स कैंपस
इस साल पुराने एम्स कैंपसों के अलावा दो नए एम्स कैंपस भी जुड़ रहे हैं. पहला आंध्र प्रदेश का गुंटूर और दूसरा महाराष्ट्र का नागपुर एम्स कैंपस है. इन नए कैंपसों का निर्माण कार्य पूरा होने तक ये अभी अपने पुराने अस्थायी कैंपस से ही संचालित होंगे. विजयवाड़ा का सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज,एम्स गुंटूर और नागपुर का गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज,एम्स नागपुर का मेजबान कैंपस होगा. इन दो नए एम्स कैंपस की शुरुआत के साथ ही देश में कुल एम्स कैंपसों की संख्या 9 हो गयी है. सात अन्य कैंपस हैं,एम्स नई दिल्ली,एम्स भोपाल,एम्स भुवनेश्वर,एम्स जोधपुर,एम्स पटना,एम्स रायपुर और एम्स ऋषिकेश.
सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी
दो नए एम्स कैंपसों की स्थापना से एम्स में परीक्षा के माध्यम ऑफर की जाने वाली एमबीबीएस की सीटों की संख्या बढ़ गयी है. इस साल से एम्स में एडमिशन के लिए कुल 807 सीटें उपलब्ध रहेंगी. एम्स गुंटूर और एम्स नागपुर में एमबीबीएस के लिए 50-50 सीटें उपलब्ध रहेंगी. एम्स नई दिल्ली में 107 सीटें रहेंगी जिनमें 7 सीटें सीटें विदेशी नागरिकों के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा भोपाल,भुवनेश्वर,जोधपुर,पटना और रायपुर में सौ-सौ सीटें हैं.
दो दिन होगी परीक्षा
पहली बार एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा दो दिन तक आयोजित होगी और दोनों दिन दो-दो पारियों में परीक्षा संपन्न होगी. सुबह की पाली की परीक्षा का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12.30 तक होगा जबकि दूसरी पाली की परीक्षा का समय 3 बजे से शाम 6.30 बजे तक होगा. प्रत्येक पाली की परीक्षा का समय 3.30 घंटे का होगा. पिछले साल तक प्रवेश परीक्षा दो पालियों में एक ही दिन में संपन्न की जाती रही हैं.
ऑनलाइन काउंसिलिंग
पहली बार एम्स काउंसिलिंग, ऑनलाइन मोड में करने जा रही है. इससे पहले एम्स की काउंसलिंग ऑफ लाइन मोड में होती थी जिसमें सफल उम्मीदवार को व्यक्तिगत रुप से एम्स नई दिल्ली के कैंपस में काउंसिलिंग के मौके पर मौजूद रहना पड़ता था.
एम्स प्रवेश परीक्षा 2018 की महत्वपूर्ण तारीखें
एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रकिया शुरु हो चुकी है. इच्छुक उम्मीदवार सबसे पहले अपनी फोटो,हस्ताक्षर और बायें अंगूठे का स्कैन कर लें और इसे आवेदन करते समय अपलोड करे. आवेदन पत्र भरने से जुड़ी जानकारियों को जानने के लिए ये लिकं क्लिक करें filling AIIMS MBBS 2018 application form:
एम्स एमबीबीएस 2018 का अधिकृत एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट पर मंगलवार,10 मई 2018 तक जारी कर दिया जाएगा. किसी भी उम्मीदवार को किसी भी सूरत में बिना अधिकृत एडमिट कार्ड के परीक्षा हॉल में घुसने नहीं दिया जाएगा. एडमिट कार्ड के साथ साथ उम्मीदवार को अपना मूल पहचान पत्र भी लेकर जाना होगा और ये ध्यान रखना होगा कि ये आईडी कार्ड वो ही हो जिसका डिटेल उसने अपने आवेदन फार्म में भरा है.
निर्धारित योग्यता
उम्मीदवार को परीक्षा में पास होने के लिए तय किए गए निर्धारित प्रतिशत को प्राप्त करना होगा. सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को न्यूनतम 50 फीसदी, ओबीसी कैटेगरी को न्यूनतम 45 फीसदी, और एससी/एसटी श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा जिसके बाद ही वो काउंसिलिंग के लिए आगे उच्च अंको के आधार पर चयन प्रक्रिया में शामिल जा सकेंगे.
हरेक शिफ्ट में अलग अलग प्रश्न पूछ जाएंगे और एक निश्चित की गयी प्रक्रिया के आधार पर उम्मीदवारों की योग्यता परखी जाएगी. इसके अनुसार चारों शिफ्टों में से न्यूनतम परसेंटाइल को फाइनल कट ऑफ माना जाएगा. उदाहरण के लिए पहले शिफ्ट में क्वॉलिफाइंड 85 परसेंटाइल और और बाकी की तीनों शिफ्टों में 82,83 और 84 परसेंटाइल है तो सबसे कम 82 परसेंटाइल चयन के लिए ओवर ऑल कट ऑफ मार्क्स होगा.
परीक्षा पास करना और मेरिट लिस्ट में आना दो अलग अलग बातें हैं. हर श्रेणी में निर्धारित सीटों से 4 गुणा ज्यादा सफल उम्मीदवारों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया जाएगा. काउंसिलिंग प्रक्रिया में बुलाए गए आखिरी उम्मीदवार के पर्सेंटाइल स्कोर को ही एम्स एमबीबीएम प्रवेश का कट ऑफ नबंर माना जाएगा
एम्स की तैयारी कैसे करें?
एम्स मेडिकल प्रवेश परीक्षा मे तीन महीने का समय बचा हुआ है, परीक्षार्थियों को सबसे पहले एम्स एमबीबीएस परीक्षा पैटर्न को ठीक से समझना होगा. परीक्षा में कुल 200 सवाल होंगे जिनमें से 60-60 सवाल फिजिक्स केमिस्ट्री और बॉयोलोजी से और 10-10 सवाल सामान्य ज्ञान और तर्क योग्यता से पूछे जाएंगे. प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक अंक दिए जाएंगे और एक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिए जाएंगे.
हालांकि इस परीक्षा का कोई अधिकारिक सिलेबस नहीं दिया गया है लेकिन उम्मीदवारों को 12वीं कक्षा के एनसीईआरटी के सिलेबस की पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके अलावा कॉनसेप्ट को समझने के लिए जरुरी पड़ने पर रेफरेंस मेटेरियल का भी उन्हें सहयोग लेना चाहिए. इसके अलावा जरुरी है कि उम्मीदवार बहु वैकल्पिक प्रश्नों पर आधारित परीक्षा पैटर्न की लगातार प्रैक्टिस करें. मॉक टेस्ट की लगातार प्रैक्टिस से उम्मीदवारों को आत्मविश्वास उत्पन्न होने के साथ साथ उन्हें परीक्षा मोड में रहने में मदद मिलेगी. इससे वो अपनी कमजोरियों को पहचान कर उस पर कड़ी मेहनत कर पाएंगे.
एम्स परीक्षा परिणाम
एम्स मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम इस साल 18 जून,2018 को घोषित किया जाएगा. ये परिणाम ऑनलाइन मोड में जारी किया जाएगा और परीक्षा परिणाम चयनित उम्मीदवारों के अंकों के साथ साथ रैंक और रोल नंबर भी जारी किए जाएंगे.
परीक्षा परिणाम के बाद क्या?
परीक्षा परिणाम के बाद एम्स नई दिल्ली ऑन लाइन काउंसिलिंग आयोजित करेगा. काउंसिलिंग के दौरान उम्मीदवारों को एम्स की अलग अलग शाखाओँ में उनके रैंक और कैटेगरी के आधार पर सीट अलॉट की जाएगी. सीट के आधार पर तीन से चार राउंड काउंसिलिंग होने की संभावना है. काउंसिलिंग के बाद एम्स नई दिल्ली 9 एम्स संस्थानों के लिए 807 सीटों के लिए सफल उम्मीदवारों की आखिरी सीट आवंटित सूची जारी करेगी.
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