इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA तक 10 केंद्रीय एजेंसियों को अब जासूसी करने का लाइसेंस मिल गया है. ये एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद, रिसीव और स्टोर्ड डेटा समेत अन्य जानकारियों की निगरानी, इंटरसेप्ट और डिक्रिप्ट कर सकती हैं.
इस मामले पर सियासी हंगामा शुरू हो गया है. कांग्रेस के कई नेता इसे मनमाना और खतरनाक फैसला बता रहे हैं. पूर्व गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि अभी उन्हें इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा किया जा रहा है तो समझ लीजिए भारत ऑरवेलियन स्टेट की ओर अग्रसर हो रहा है. जॉर्ज ऑरवेल ने ऑरवेलियन स्टेट की तुलना एक ऐसी परिस्थिति से की थी, जो हमारे समाज के लिए विध्वंसक है.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि इन एजेंसियों को फोन टैप करने, कंप्यूटर्स चेक करने की छूट देना खतरनाक है. ऐसी ताकतों का हमेशा दुरुपयोग होता है. वहीं रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'जनता की जासूसी करना मोदी सरकार की निंदनीय प्रवृत्ति है.'
ये भी पढ़ें: कांग्रेस को खाली करना होगा नेशनल हेराल्ड हाउस, हाईकोर्ट का आदेश
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, आशा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की वैधता पर सख्ती से नजर डालेगी.'
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कौन जानता है कि उनके घर घर मोदी का नारा इसलिए लगाया जाता था. जॉर्ज ऑरवेल के बड़े भाई यहां हैं, 1984 में आपका स्वागत है.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश के अनुसार, 10 एजेंसियों के पास अधिकार है कि वे किसी भी कंप्यूटर के डेटा को चेक कर सकती हैं. गृह मंत्रालय ने आईटी एक्ट, 2000 के 69 (1) के तहत यह आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि भारत की एकता और अखंडता के अलावा देश की रक्षा और शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से जरूरी लगे तो केंद्र सरकार किसी एजेंसी को जांच के लिए आपके कंप्यूटर को एक्सेस करने की इजाजत दे सकती है.
ये भी पढ़ें: सीट शेयरिंग को लेकर पासवान की बीजेपी नेताओं से मुलाकात, नीतीश कुमार भी पहुंच रहे हैं दिल्ली
इन एजेंसियों में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल टैक्स बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, कैबिनेट सचिवालय (आर एंड एडब्ल्यू), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और आसाम के क्षेत्रों के लिए) और पुलिस आयुक्त, दिल्ली का नाम शामिल है.
इस आदेश के अनुसार सभी सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइडर और कंप्यूटर के मालिकों को जांच एजेंसियों को तकनीकी सहयोग देना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनपर 7 साल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
Modi has used a simple Government Order to permit our national agencies to snoop on our communications.
Who knew that this is what they meant when they said ‘ghar ghar Modi’.George Orwell’s Big Brother is here & welcome to 1984. pic.twitter.com/DrjQkdkBKh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2018
Given that the government has now authorised multiple agencies to snoop on the personal & official computers of the Hon’ble judges of the Supreme Court I hope the SC takes a long hard look at the legality of the order. #surveillancestate #emergency2pointzero.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 21, 2018
अबकी बार,निजता पर वार!
Modi Govt mocks & flouts Fundamental ‘Right to Privacy’ with brazen impunity!Having lost elections,now Modi Govt wants to scan/snoop YOUR computers?
‘Big Brother Syndrome’ is truly embedded in NDA’s DNA!
जनता की जासूसी=मोदी सरकार की निन्दनीय प्रवृत्ति! pic.twitter.com/qCe1IocgY8
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 21, 2018
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.