देश में राफेल विमान सौदा एक बड़ा राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते रहे हैं. राहुल गांधी शुरुआत से ही आरोप लगाते आए हैं कि प्रधानमंत्री ने इस सौदे के लिए जरूरी ऑफसेट को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को देने के बजाय एक निजी कंपनी को दे दिया और उसे 30 हजार करोड़ का सीधा फायदा पहुंचाया.
राहुल गांधी के इस सवाल के जवाब में सरकार ने भी अपना पक्ष रखा था और कहा कि एचएएल को यह सौदा इसलिए नहीं मिला क्योंकि उसके पास राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान बनाने की क्षमता नहीं है. इसके साथ ही उसके पास मैन पावर की भी कमी है.
अब इस मामले पर एचएएल के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक सक्सेना ने कहा है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 100 राफेल जेट दसॉ इतने टाइम में ही डिलीवर कर सकता है. न्यूज-18 के लिए लिखे गए लेख में उन्होंने कहा है कि हाल में राफेल मुद्दे पर जितनी भी चर्चाएं हुई हैं उनमें चौथी पीढ़ी की फाइटर्स जेट बनाने में एचएएल की क्षमता पर चिंताएं व्यक्त की गई हैं.
उन्होंने लिखा है कि मैं सबसे पहले बताना चाहता हूं कि एचएएल के पास राफेल के निर्माण के लिए सभी अनुभव, बुनियादी ढांचे, कौशल और क्षमता है. एचएएल पिछले कई वर्षों के समकालीन आधुनिक लड़ाकू विमान जैसे कि मिग सीरीज, जगुआर, Su-30MKI, AJT हॉक आदि का ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (टीओटी) के तहत निर्माण कर रहा है. एचएएल ने इन टेक्नोलॉजी को प्रभावी ढंग से और कुशलता से किया था और हमारे रक्षा बलों को इन विमानों का उत्पादन और वितरण किया था.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.