27 दिसंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर इंदौर के महेश बागजई जो पेशे से फोटोग्राफर हैं उन्होंने एक प्रेग्नेंट महिला की तस्वीर शेयर की जो पिछले कुछ दिनों से वायरल हो गई.
इस तस्वीर ने सोशल मीडिया में गर्भवती महिलाओं और उनको दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर तीखी बहस छेड़ दी.
इंदौर में खींची गई ये तस्वीर 11-12 दिसंबर को होने वाले एक शादी समारोह की है. इस तस्वीर में एक शादी के दौरान निकाली गई एक बारात में, एक सात महीने की गर्भवती महिला को सिर पर इलेक्ट्रिक लालटेन उठाकर चलते हुए दिखाई दे रही है.
बागजई ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है- ‘ये तस्वीर अपने आप में एक कहानी कहता है. ये हमें भौंचक्का करता है, प्रेरित करता है और साथ ही सोचने पर मजबूर. इस महिला को सलाम! लेकिन हमें हकीकत से मुंह ने मोड़ते हुए उन हालातों के बारे में भी सोचना चाहिए जहां हमारे देश मे गर्भवती महिलाओं को इस तरह से अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है.’
हैरत करने वाली बात ये है कि उस बारात में शामिल अन्य लोग जिनमें सिर पर लालटेन उठाई हुई अन्य महिलाएं और जिस परिवार में ये शादी हो रही थी उसके सदस्य भी शामिल थे उनमें से किसी का ध्यान इस ओर नहीं किया.
चूंकि ये लालटेन इलेक्ट्रिक थे, तो उसमें लगी इलेक्ट्रिक तारें भी महिला के शरीर को छूते हुए निकल रहा था, जो किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकता था.
इस तस्वीर को अब तक साढ़े छह हजार लोगों ने फेसबुक पर शेयर किया है और अपनी राय जाहिर की है.
फेसबुक पर बहस
पावना मेहता जोशी लिखती हैं- ‘हर औरत को अपनी प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों तक काम करने का पूरा अधिकार है. मुझे इसमें कुछ भी शर्मनाक नहीं लगता. हमें इसे अपमान की तरह नहीं बल्कि एक प्रेरणा के तौर पर लेना चाहिए. ये तस्वीर एक सामाजिक संदेश देती है.’
सबा अंसारी लिखती हैं- ‘ये महिला इस हालत में इसलिए काम कर रहीं हैं क्योंकि ये समाज के गरीब तबके से आती है. ये लोग दिहाड़ी मजदूर हैं और इन्हें खाने के लिए हर दिन कमाना पड़ता है. ये इनकी मजबूरी है.’
हरप्रीत खोसला लिखती हैं- ‘ गांव देहात की औरतें अक्सर प्राकृतिक तरीके से बच्चों को जन्म देती हैं, क्योंकि वे गर्भावस्था के अंतिम दिनों तक काम करती रहती हैं. बहुत कम होता जब इस तबके की महिला सिजेरियन तरीके से बच्चे को जन्म देती है.’
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा लिखते हैं- ‘हमारे देश की एक बड़ी आबादी के लिए उनका जीवन एक संघर्ष है. ये तस्वीर उन्हीं में से एक है- जो हमें विचलित कर सकता है. इस तस्वीर में दिख रही ये महिला अपनी कोख में अपने साथ महीने के बच्चे को रखे हुए है और इसके सिर पर एक भारी लालटेन है, जो इसने एक बारात के दौरान उठायी हुई है, अपना पेट पालने के लिए.’
पत्रकार दिलीप मंडल ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है- ‘इस औरत का जन्म ब्रह्मा के शरीर के किस अंग से हुआ है. बहुजनों की मेहनत पर गुलछर्रे उड़ाता देश.’
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