इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आदिवासी कारीगरों का बनाया बांस का पंखा आकर्षण का केंद्र होगा. यह खास पंखा समारोह में शिरकत करने वाले सांसदों, मंत्रियों और अन्य गणमान्य अतिथियों को दिया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने बांस के बनाए गए ऐसे हजारों पंखे खरीदे हैं. आदिवासी उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के सरकार के मकसद से ऐसा कदम उठाया गया है .
केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्रालय के अधीन आने वाले आदिवासी सहकारिता विपणन विकास परिसंघ ने बांस के ये पंखों की खेप रक्षा मंत्रालय को अपूर्ति कराई है. रक्षा मंत्रालय ही स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन करता है. आदिवासी सहकारिता विपणन विकास परिसंघ के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने बताया, 'पश्चिम बंगाल के महली आदिवासी समुदाय के कलाकारों ने बांस के इन पंखों को बनाया है. इन पंखों पर दोनों तरफ आदिवासी चित्रांकन किया गया है. एक पंखे की कीमत 150 रुपए है. पंखों की बिक्री से जुटाए गए पैसे आदिवासी कारीगरों को दिए जाएंगे.' ये पंखे बिक्री के लिए ट्राइब्स इंडिया डॉट कॉम और एमेजॉन पर उपलब्ध है.
खास राखियां भी उपलब्ध
मध्य प्रदेश के सहारिया आदिवासी समुदाय ने खास तरह की राखी का निर्माण किया है. इन राखियों को रोपा जा सकता है. इसके लिए गैर रसायनिक खाद का उपयोग किया जाता है. इस राखी किट में एक पेंसिल (ल्युपिन के फूल), एक पत्र (टमाटर) और ‘रोली एवं चावल’ के लिए कागज के बाक्स होंगे. इसकी कीमत 120 रुपए है जो ट्राइब्स इंडिया की 42 दुकानों, ट्राइब्स इंडिया डॉटकॉम, एमेजॉन, स्नैपडील, पेटीएम और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है. रक्षा बंधन के लिए परंपरागत कपड़े भी ट्राइब्स इंडिया की दुकानों तथा ई-कामर्स वेबसाइट पर उपलब्ध हैं.
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