अगर आप आए दिन बाहर खाना खाते हैं तो अब सावधान हो जाइए क्योंकि इससे न केवल मोटापे का खतरा बढ़ता है बल्कि हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ सकता है.
एक अध्ययन में आगाह किया गया है कि जो किशोर बहुत ज्यादा फास्ट फूड खाते हैं, तो अनजाने में ही उनके शरीर में हानिकारक रसायन प्रवेश करते हैं जिससे उनके हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है.
खाद्य पैकेजिंग और प्रसंस्करण सामग्री में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों के समूह फेथेलेट मनुष्यों में हार्मोन का संतुलन बिगाड़ते हैं और इनसे स्वास्थ्य संबंधी बहुत समस्याएं होती हैं.
एनवायरमेंट इंटरनेशनल पत्रिका में प्रकाशित शोध में घर के खाने का आनंद उठाने वाले और बाहर खाना खाने वाले लोगों पर अध्ययन किया गया है.
अमेरिका में जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की जूलिया वर्शाव्स्की ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरों पर हार्मोन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों का ज्यादा बुरा असर पड़ता है इसलिए बाहर जाकर खाना खाने की उनकी आदतों पर लगाम लगाने के रास्ते तलाशना महत्वपूर्ण हैं.
शोध के अनुसार, रेस्त्रां में ज्यादा जाने वाले और फास्टफूड का सेवन अधिक करने वाले लोगों में घर का बना खाना खाने वाले लोगों के मुकाबले फेथेलेट का स्तर करीब 35 फीसदी अधिक पाया गया.
हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं
महिलाओं में हार्मोन के असंतुलन के कारण मूड में परिवर्तन का होना और चिड़चिड़ापन आम है. इसके अलावा चेहरे और शरीर पर अधिक बालों का उगना, समय से पहले उम्र बढ़ने के लक्षण आदि समस्याएं आती हैं. कई मामलों में हार्मोन असंतुलन बांझपन जैसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है.
पुरुषों में हार्मोन के असंतुलन से चिड़चिड़ापन, अपोजिट सेक्स के प्रति रुचि में कमी और इन्फर्टिलीटी जैसे लक्षण देखे जाते हैं. इसके अलावा कई हार्मोन ऐसे हैं जिनके असंतुलन से हाथ-पैर में हमेशा दर्द शुरू हो जाता है. इसके साथ ही इपाइनेफ्राइन या एड्रेनेलिन हार्मोन के असंतुलन से कुछ केस में मौत की आशंका भी बढ़ जाती है. इसका एक असर यह भी होता है कि बीपी तेजी से गिरने लगता है.
(इनपुट भाषा से)
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