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इन वजहों से बने गुरमीत राम रहीम सिंह के करोड़ों भक्त

जाति समानता डेरा प्रमुख के लिए सबसे अहम कारण है जिसके चलते उनके समर्थक उन्हें अपना भगवान मानते हैं

Updated On: Aug 25, 2017 04:17 PM IST

FP Staff

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इन वजहों से बने गुरमीत राम रहीम सिंह के करोड़ों भक्त

राम रहीम को शुक्रवार को सीबीआई की कोर्ट ने रेप केस में सजा सुनाई है. इस फैसले के बाद राम रहीम के समर्थक उग्र हो गए हैं और कई जगह हिंसक घटनाएं हुई हैं.

डेरा प्रमुख राम रहीम के देश-विदेश में करीब 5 करोड़ समर्थक हैं. जहां एक तरफ राम रहीम का विरोध करने वालों की सूची लंबी है तो उससे ज्यादा डेरा प्रमुख के समर्थक भी हैं. आखिर ऐसे कौन से काम हैं जो लोग राम रहीम में अटूट श्रद्धा रखते हैं और उन्हें भगवान मानते हैं.

जाति समानता

जाति समानता डेरा प्रमुख के लिए सबसे अहम कारण है जिसके चलते उनके समर्थक उन्हें अपना भगवान मानते हैं. द ट्रिब्यून को बठिंडा रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले प्रेम इंसान ने बताया 'हम सिरसा डेरा और नाम चर्च घरों में आध्यात्मिक माहौल और शांति का अनुभव करते हैं. इसके अलावा, डेरा जीवन सभी जातियों के लिए एक समान दर्जा प्रदान करता है.'

हमारे समाज में जाति के आधार पर बहुत भेदभाव है. डेरा समर्थक ने बताया 'पंजाब में विभिन्न जातियों और समुदायों के अपने मंदिर और गुरुद्वारा हैं. लेकिन हमारे डेरा में किसी से कोई भेदभाव नहीं होता.'

विनम्र प्रबंधन रैंकिंग

डेरा की तरफ लोगों के आकर्षण का एक मुख्य कारण विनम्र प्रबंधन भी है. एक दलित अनुयायी सुखवीर इंसान ने बताया डेरा प्रबंधन ने इंसान की तरह नामकरण तैयार किया है, न केवल समानता बल्कि नम्रता की वकालत करने के लिए भी इंसान उपनाम दिया जाता है. प्रबंधन उन राज्यों को क्षेत्रों में विभाजित करता है, जिन्हें आगे इकाइयों में विभाजित किया जाता है. प्रत्येक यूनिट का नेतृत्व एक व्यक्ति द्वारा किया जाता है. जिसे भंगी दास का नाम दिया जाता है. भंगी आमतौर पर दलितों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. परंतु यूनिट के मुखिया को जब इस नाम से बुलाया जाता है. तो वह उसके लिए गर्व का विषय होता है. यही कारण है कि बहुत सारे दलित राम रहीम को अपना भगवान मानते हैं.

सब्सिडी पर भोजन और मुफ्त दवाईयां

सब्सिडी पर भोजन और मुफ्त दवाईयां भी आकर्षण का एक मुख्य कारण है. स्वर्ण इंसान ने द ट्रिब्यून को बताया 'सिरसा में डेरा डेडक्वार्टर और जिला इकाइयां अपने अनुयायियों को सब्सिडी पर राशन वितरित करती है. यह गरीबों के लिए वरदान है. यह वैसा ही है जैसे सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए फ्री राशन सुविधा देती है. सरकारी योजना में भ्रष्टाचार होता है. जबकि डेरा में मिलने वाला राशन सबके लिए समान होता है.'

डेरा समर्थकों का पूरा जोर संगरूर, बरनाला, मनसा, बठिंडा, फजिलका, फरीदकोट और फिरोजपुर जिले पर होता है. इनमें ज्यादातर हरियाणा के सिरसा के आसपास हैं. यह क्षेत्र खराब पानी के कारण कैंसर और घुटने की समस्याओं से ग्रस्त है. डेरा ऐसे मरीजों को मुफ्त इलाज देता है.

भंगी दास ने बताया 'ऐसे मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है. भंगी दास अपने क्षेत्र में मरीजों से स्लिप एकत्रित करते हैं. जिसमें उनकी बीमारी लिखी जाती है. इस आधार पर वह डेरा हेडक्वार्टर से संपर्क करते हैं और अपॉइंटमेंट लेते हैं. डेरा आध्यात्मिक माहौल के साथ मुफ्त इलाज, गरीब रोगियों या यहां तक कि मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए एक महान पुल के रूप में कार्य करता है.'

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