चुनाव आयोग की एक चिट्ठी पर गुजरात पुलिस पिछले एक महीने से ईवीएम में गड़बड़ी की जांच करती रही. एक महीने के बाद उन्हें पता चला कि जिस चिट्ठी के आधार पर वो जांच में जुटे हुए थे, वो फर्जी थी.
एक महीने बाद जब मामले की जांच से संबंधित रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी गई तो पता चला कि ऐसी कोई चिट्ठी कभी चुनाव आयोग ने भेजी ही नहीं थी. अब गांधीनगर थाने में फर्जी खत के संबंध में मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
क्या लिखा था चिट्ठी में
खबर के अनुसार दो अप्रैल को गुजरात के डीजीपी, सभी पुलिस कमिश्नरों, रेंज आईजीऔर जिला एसपी को एक खत लिखा गया था. इस खत में बताया गया था कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. इसलिए इसकी एक गुप्त जांच कराके एक रिपोर्ट तैयार कराई जाए. इसी के साथ चिट्ठी में लिखा गया है कि यह रिपोर्ट 30 दिन के अंदर सील कवर में केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी जाए. चिट्ठी मिलने के बाद से ही गुजरात का पूरा पुलिस महकमा इस काम में जुट गया था.
इस मामले को पूरी तरह से गुप्त रखा गया और एक महीने तक इस मामले से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाई गई. एक महीने बाद जब रिपोर्ट तैयार कर चुनाव आयोग को भेजी गई तो बताया गया कि इस तरह की कोई भी सूचना कभी भी गुजरात पुलिस से मांगी ही नहीं गई थी. चिट्ठी की जांच करने पर पता चला कि यह पूरा मामला ही फर्जी था. किसी ने फर्जी चिट्ठी लिखकर पुलिस को बेवकूफ बनाया है. इस खुलासे के बाद अब गांधीनगर में मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
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