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NCERT के स्लेबस में 2002 के दंगे 'एंटी मुस्लिम' नहीं, '84' सिख विरोधी

इसके अलावा इस किताब में स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ और डिजिटल इंडिया कैंपेन और नोटबंदी से जुडे अध्याय को शामिल किया गया है

Updated On: Mar 24, 2018 03:26 PM IST

FP Staff

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NCERT के स्लेबस में 2002 के दंगे 'एंटी मुस्लिम' नहीं, '84' सिख विरोधी

एनसीईआरटी की बारहवीं की किताब के नए एडीशन में बदलाव किए गए हैं. अभी तक 2002 के गुजरात दंगों के लिए 'मुस्लिम विरोधी' या 'एंटी मुस्लिम' शब्द इस्तेमाल होता था. अब इन्हें सिर्फ गुजरात दंगा कहकर पढ़ाया जाएगा.

खबर के अनुसार, एनसीईआरटी ने 'स्वतंत्रता के बाद राजनीति' के पेज 187 पर गुजरात दंगों में मुस्लिम विरोधी शब्द हटा दिया गया है. जबकि उसी पेज पर 1984 के दंगों के लिए सिख विरोधी दंगे लिखा गया है. पहले इस पैराग्राफ में लिखा गया था "फरवरी-मार्च 2002 में बड़े स्तर पर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा हुई" अब लिखा गया है "फरवरी-मार्च 2002 में गुजरात में बड़े स्तर पर हिंसा हुई."

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ये बदलाव एनसीआरटी द्वारा टेक्स्ट बुक रिव्यू के दौरान लिए गए. एनसीआरटी एक स्वायत्त संस्था है जो कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय सुझाव देती है. ये सुझाव पिछले साल सीबीएसई द्वारा भी दिया गया था.

वहीं एनसीईआरटी के अधिकारियों का कहना है कि जो पाठ्यक्रम स्वीकृत है उसमें एंटी मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल नहीं है. स्लेबस में सीधे 'गुजरात दंगे' शब्द का प्रयोग हुआ है, इसलिए इसे गुजरात दंगे कर दिया गया है. जबकि सरकार ने संसद में गुजरात दंगों से संबंधित जो जवाब दिया गया था, उसमें कहा गया था कि दंगों में 790 मुसलमान और 254 हिंदू मारे गए थे. 223 गायब हो गए थे और करीब 2500 लोग घायल हो गए थे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब उसने एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति से संपर्क किया, तो उन्होंने कॉल या एसएमएस का जवाब नहीं दिया.

इसके अलावा इस किताब में स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ और डिजिटल इंडिया कैंपेन और नोटबंदी से जुडे अध्याय को शामिल किया गया है. इससे पहले भी, महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने मुगल बादशाह के शासनकाल को पिछले साल स्कूल पाठ्यपुस्तकों में सिर्फ तीन लाइनों तक ही सीमित कर दिया था.

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