गुजरात के अहमदाबाद में साल 2002 में हुए नरोदा पाटिया नरसंहार मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने पूर्व बीजेपी विधायक माया कोडनानी की एक याचिका को मंजूरी दे दी है. इस याचिका में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और 13 अन्य को बचाव पक्ष के गवाहों के तौर पर बुलाने की अनुमति मांगी है. ताकि यह साबित किया जा सके कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थीं.
न्यायाधीश पी बी देसाई ने कहा कि इन गवाहों को ‘‘सुनवाई के उचित एवं प्रासंगिक चरणों’’ पर समन जारी किए जाने चाहिए.
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ‘‘यदि कुछ गवाहों की गवाही के दोहराए जाने की संभावना हो तो बाद के चरण में उन्हें नहीं बुलाने का भी विकल्प है. लेकिन अभियोजन पक्ष द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताए जाने पर और बचाव पक्ष के गवाहों से पूछताछ करने के आरोपी के अधिकारी को पहचानते हुए, मेरा मानना है कि गवाहों की इस संख्या से पूछताछ किया जाना न तो अनुचित है और न ही असंगत’’
नरोदा पाटिया दंगा मामले में कोडनानी को 28 साल कारावास की सजा सुनाई गई है और वह अभी जमानत पर रिहा हैं.
डीजीसीए ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. उसने एयरक्राफ्ट ऐक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड को इस घटना की जानकारी दे दी है
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सोशल मीडिया पर इसकी खबर पढ़कर अखिलेश यादव के निर्देश पर एसपी एमएलसी आनंद भदौरिया जब्बार के घर पहुंचे. उन्होंने जब्बार शाह को बकरियां खरीदकर गिफ्ट की
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर बादामी और चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे
2002 में गोधरा दंगे के बाद भड़की हिंसा में 97 मुस्लिम मार दिए गए थे. नरोदा पाटिया दंगा मामला इसी हिंसा से जुड़ा है