दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में बीती रात दो इमारतें भरभराकर ढह गईं. इस हादसे में अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इमारत के मलबे में 2 दर्जन लोगों के अभी भी दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
#UPDATE Building collapse in #GreaterNoida's Shah Beri village: Search and rescue operation is underway. 4 National Disaster Response Force (NDRF) teams are present at the spot. Three bodies have been recovered so far. pic.twitter.com/eyeBPWxMCl
— ANI UP (@ANINewsUP) July 18, 2018
बताया जा रहा है कि मंगलवार रात तकरीबन 9 बजे यहां स्थित 5 मंजिली एक इमारत साथ वाली 6 मंजिली बिल्डिंग पर अचानक गिर गई जिससे यह दोनों ही इमारतें ढह गईं. जमींदोज हुई 5 मंजिला इमारत में 10 से 12 परिवार रहते थे जबकि दूसरी बिल्डिंग अभी बन रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उन्होंने काफी तेज आवाज सुनी. उन्हें लगा कि मानो भूकंप आया है और दोनों इमारतें ढह गईं.
यह भी बात सामने आ रही है कि 5 मंजिली इस बिल्डिंग को अवैध रूप से बिना कोई नक्शा पास कराए ही बनवाया जा रहा था. साथ ही इनमें घटिया बिल्डिंग मटीरियल का इस्तेमाल किया जा रहा था.
पुलिस ने जिस जमीन पर यह इमारत बनी थी उसके मालिक गंगा शरण द्विवेदी समेत 3 लोगों को हिरासत में ले लिया है. जबकि बिल्डर कासिम फरार हो गया है.
#UPDATE Building collapse in #GreaterNoida 's Shah Beri village: The three people who have been arrested in connection with the incident are the builder and his two associates
— ANI UP (@ANINewsUP) July 18, 2018
मुख्य दमकल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि थाना बिसरख क्षेत्र के गांव शाहबेरी में निर्माणाधीन 6 मंजिला इमारत सोमवार रात लगभग 9 बजे गिर गई. इस इमारत में दो दर्जन के लगभग मजदूर रह रहे थे.
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं. राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. एनडीआरएफ की 4 टीमें भी आधी रात से घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं.
#WATCH: Dog squad has been deployed at the building collapse spot in Greater Noida's Shah Beri village. 4 NDRF teams are present. (earlier visuals) pic.twitter.com/yAxiXATHNB
— ANI UP (@ANINewsUP) July 18, 2018
मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एनडीआरएफ टीम के मुताबिक मलबे में किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद कम है.
शाहबेरी गांव में जिस जगह यह इमारतें गिरी हैं वो जगह गौर सिटी और क्रासिंग रिपब्लिक से सटा हुआ है. आसपास काफी घनी आबादी है और रिहाइशी इलाका है. जगह संकरी होने की वजह से एंबुलेंस और क्रेन को घटनास्थल पर पहुंचने में कुछ देर लग गया.
इससे पहले हादसे की खबर मिलने के बाद सोमवार रात केंद्रीय मंत्री और इलाके के सांसद महेश शर्मा ने घटनास्थल पर पहुंचकर वहां का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि घटना के दोषियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा.
#UPCM श्री #YogiAdityanath ने ग्रेटर नोएडा में इमारत गिरने की घटना का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को तत्काल एनडीआरएफ की सहायता से हर संभव मदद मुहैया कराने व घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 17, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को घायलों को हर संभव राहत पहुंचाने और उनका समुचित इलाज कराने का निर्देश दिया है.
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Jul 18, 2018
ग्रेटर नोएडा हादसे में एक और शव बरामद किया गया है. इसी के साथ हादसे मरने वालों की संख्या अब चार तक पहुंच गई है.
नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतों के ढहने से तीन लोगों की मौत होने के मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किय़ा है और 18 लोगों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. वहीं गौतम बुद्ध नगर के डीएम बृजेश नारायण सिंह ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. सिंह ने बताया है कि इस मामले की अपर जिलाधिकारी कुमार विनीत सिंह के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताय़ा कि इमारत के निर्माण में कई खामियां नजर आ रही हैं, फिलहाल 13 बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए गए हैं.
ग्रेटर नोएडा में इमारत ढहने को लेकर दमकल विभाग के प्रमुख अरुण कुमार सिंह ने बताया कि घटना के समय इमारत में कम से कम 12 मजदूर मौजूद थे. उन सभी के फंसे होने की संभावना है. पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि इमारत बनाने में घटिया सामग्री और कमजोर सरियों का इस्तेमाल हुआ था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जहां पर इमारतें बनी हैं वहां गलियां संकरी हैं जिससे राहत और बचाव के काम में मुश्किल आ रही है.
नोएडा पुलिस ने जानकारी दी है कि मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें बिल्डिंग के मालिक गंगा शरण द्विवेदी, दिनेश और संजय नाम का शख्स शामिल है. बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम द्वारा प्रयास किया जा रहा है.
इस मामले पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. एडीएम को 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
स्थानीय नागरिक एस दुबे ने एएनआई को बताया है कि अवैध निर्माण के बारे में हमने लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को कई बार बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि हमने विधायक तेजपाल नागर को भी लिखा लेकिन कुछ नहीं हुआ. इस मामले में डीएम और एसएसपी को भी शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने बताया है कि ये सब अवैध निर्माण हैं जिसकी परवाह बिल्डर के साथ साथ अथॉरिटी ने भी नहीं की.
राहत और बचाव के काम में जुटे एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रविन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि मलबे की पूरी छानबीन में अभी 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा. मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. निर्माणाधीन इमारत में भी कई मजदूर काम कर रहे थे. इस बात की संभावना कम ही है कि मलबे में दबा कोई व्यक्ति जीवित होगा.
बिल्डिंग हादसे के बाद इलाके के लोगों ने प्रशासन पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि अवैध निर्माण के बारे में जानकारी दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. भ्रष्टाचार ने लोगों की जान ली है. मामले में लापरवाही करने वाले अफसरों को जेल जाना चाहिए.
पुलिस और पीएसी की टीमें भी राहत और बचाव के काम में लगी हैं. अभी तक तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. जबकि कई और लोगों के दबे होने की आशंका है.
इस मामले में RWA ने कहा है कि उन्होंने अवैध निर्माण को लेकर डीएम को शिकायत की थी. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
बिल्डिंग हादसे में पुलिस ने गैरइरादत हत्या का केस दर्ज किया है.
बिल्डिंग के मालिक गौरीशंकर दुबे समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि इमारत का निर्माण करने वाला बिल्डर कासिम फरार है
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने हादसे पर संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव के काम में लगी हैं