कांग्रेस ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैग रिपोर्ट के उल्लेख वाले सरकार के हलफनामे को ‘आधारहीन’ करार देते हुए शनिवार का आरोप लगाया कि सरकार की मंशा तथ्यों को छिपाना और ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाना’ है.
पार्टी ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग दोहराते हुए यह भी कहा कि अटॉर्नी जनरल को लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष बुलाकर कैग रिपोर्ट के बारे में पूछा जाना चाहिए जिसका जिक्र कोर्ट के आदेश में किया गया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद ऐसा लगा है कि हर पैरा में प्रेस रिपोर्ट का हवाला है और साथ ही इसमें सरकार के हलफनामे का हवाला है. जहां तक हलफनामे का सवाल है तो लगता है कि कोर्ट ने सरकार की कुछ बातें मान ली हैं.’ उन्होंने कहा, ‘कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत हमारा अधिकार क्षेत्र सीमित है. इसलिए वह कुछ चीजों पर फैसला नहीं कर सकता.’
Kapil Sibal, Congress: We have been very clear that Supreme Court was not an appropriate forum on which these issues can be decided, as it cannot summon and examine file notings, witnesses on oath, including questioning the Prime Minister, and we need to question the PM https://t.co/r2i330G2Qa
— ANI (@ANI) December 15, 2018
सिब्बल ने कहा, ‘आदेश में कुछ ऐसी बातें और तथ्य हैं जो गलत हैं. इसमें कोर्ट की नहीं, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है. हमें अटॉर्नी जनरल को पीएसी के समक्ष बुलाने की जरूरत है. उनसे पूछा जाना चाहिए कि इस तरह का हलफनामा क्यों दिया गया जो सही नहीं है.’
राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला नहीं हो सकता
उन्होंने कहा, ‘अगर अटॉर्नी जनरल देश की सबसे बड़ी अदालत में आधारहीन बातें करता है और अगर इसकी बुनियाद पर फैसला होता है तो यह सही नहीं है. इस पर संसद में भी चर्चा होगी.’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम पहले भी कह चुके हैं कि राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला नहीं हो सकता. कोर्ट सभी फाइलें नहीं देख सकता और प्रधानमंत्री से सवाल-जवाब नहीं कर सकता.’
वित्त मंत्री अरूण जेटली, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के कुछ अन्य नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा, ‘अपनी पीठ थपथपाना और क्लीन चिट मिलने की बात करना बचकाना है. यह कहना सही नहीं है कि कांग्रेस के आरोप काल्पनिक हैं. 2जी मामले में इनके आरोप काल्पनिक साबित हुए. हम साबित करेंगे कि राफेल मामले में हमारे आरोप काल्पनिक नहीं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘राजनाथ सिंह कहते हैं कि कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए. माफी तो इन लोगों को मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने देश और अदालत को गुमराह किया है.’ सिब्बल ने कहा, ‘किसके कहने पर यह हलफनामा दाखिल किया गया? जब संसद में कैग की रिपोर्ट नहीं गई तो फिर ये बात कोर्ट के आदेश में क्यों आई? सुप्रीम कोर्ट में जाकर इस तरह की बात करना बहुत ही संगीन मामला है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.’
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को कर दिया था खारिज
उन्होंने आरोप लगाया, ‘इस सरकार की मंशा है कि किसी न किसी तरह से इस मामले की जांच नहीं हो और तथ्य छिपे रहें और मोदी जी बचें रहें. यह बचाव का खेल है.’ सिब्बल ने कहा कि प्रधानममंत्री को इस मामले पर कुछ तो बोलना चाहिए.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को शुक्रवार को बड़ी राहत दी. शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. ऑफसेट साझेदार के मामले पर तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.
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