बुधवार को जम्मू कश्मीर सरकार ने एक गंभीर कदम उठाते हुए 18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा में कटौती की है. यह माना जा रहा था कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा प्रदान करना दुर्लभ राज्य संसाधनों की बर्बादी है. जिसका कहीं और बेहतर उपयोग किया जा सकता है.
जिन नेताओं की सुरक्षा घटाई गई है, उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट के नाम हैं.
गौरतलब है कि 4 व्यक्तियों की सुरक्षा रविवार को ही वापस ले ली गई थी. इसके अलावा, राज्य सरकार ने 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा भी वापस ले ली है. इनको खतरे के आशंका और उनकी गतिविधियों के आधार पर सुरक्षा दी गई थी. लेकिन माना जा रहा है कि अब इस सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है.
जिन राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा हटाई गई है उनमें शाह फैसल का नाम भी है, जिन्होंने हाल ही में प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दिया है. सरकार के इस कदम के बाद हजारों की संख्या में पुलिस बल और सेकड़ों गाड़ियां नियमित पुलिस कार्य में ली जा सकेंगी.
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