केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारा साहिब जाने के लिए डेरा बाबा नानक चौकी को आधिकारिक इमिग्रेश चेक पाइंट बना दिया है. सोमवार को मंत्रालय ने यह निर्णय लिया. यह चौकी अब करतारपुर के लिए निकास और प्रवेश पॉइंट के रूप में काम करेगी. मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ कोई भी व्यक्ति पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित इस चौकी के जरिए निकास या प्रवेश कर सकता है.
करतारपुर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले के शकरगढ़ में स्थित है. जहां सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 18 साल से अधिक गुजारे थे. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान में बॉर्डर से करीब तीन-चार किलोमीटर दूर रावी नदी के तट पर स्थित है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पिछले साल 26 नवंबर को एक कार्यक्रम में गुरदासपुर जिले के मान गांव में (अंतरराष्ट्रीय सीमा तक) डेरा बाबा नानक करतारपुर साहिब कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश में 28 नवंबर को चार किलोमीटर लंबे गलियारे की आधारशिला रखी थी. जिसके इस साल पूरा होने की उम्मीद है. कॉरिडोर करतारपुर गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवागमन उपलब्ध कराएगा. तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल परमिट हासिल करना होगा. करतारपुर साहिब की स्थापना 1522 में गुरु नानक देव जी ने की थी.
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