आमतौर पर सिरदर्द, सर्दी और बुखार जैसी बीमारियों के लिए इस्तेमाल होने वाली सेरिडॉन, जिंटैप जैसी 329 जेनेरिक दवाएं बैन हो गई हैं.
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दवाओं को बैन करने का फैसला ले लिया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले से सन फार्मा, सिपला, वॉकहार्ट और फाइजर जैसी कई कंपनियों को झटका लगा है.
देशभर में इन दवाइयों के करीब 6 हजार ब्रांड हैं.
हेल्थ मिनिस्ट्री ने 329 दवाओं पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है. सरकार की तरफ से करीब एक महीना पहले ही एडवाइजरी जारी की गई थी.
दवा बनाने वाली और वितरण कंपनियों को यह छह तरह के कॉम्बिनेशन वाली दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है.
इस बैन से भारत की फार्मा इंडस्ट्री से 1500 करोड़ रुपए की दवाएं निकल जाएंगी.
कुल फार्मा इंडस्ट्री 1.18 लाख करोड़ रुपए का है.
हालांकि सरकार की यह पाबंदी डीकोल्ड टोटल और फेनसीडाइल जैसे कफ सीरप पर लागू नहीं होगी.
इस पर ड्रग टेक्निकल अडवाइजरी बोर्ड ने एक कमिटी का गठन किया. कमिटी ने 343 दवाओं पर लगाए गए बैन को जायज करार दिया और छह के निर्माण और बिक्री के लिए कुछ शर्तें लगा दी.
अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ ही कई देशों में एफडीसी पर रोक है. भारत के साथ ही कई विकासशील देशों में ये बिकती हैं. देश में महज पुडुचेरी एक ऐसा राज्य है, जिसने एफडीसी पर रोक लगा दी है.
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