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जमीन विवाद का साया गिरिराज सिंह को कितना नुकसान पहुंचाएगा ?

देखना यह है कि गिरिराज सिंह पर लगा यह ताजा आरोप उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाता है या फिर उससे वे पाक साफ हो कर बाहर निकल आते हैं?

Updated On: Feb 08, 2018 07:08 PM IST

Ravishankar Singh Ravishankar Singh

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जमीन विवाद का साया गिरिराज सिंह को कितना नुकसान पहुंचाएगा ?

केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह एक बार फिर से फंसते हुए नजर आ रहे हैं. पटना के दानापुर में एक जमीन पर कब्जा करने को लेकर केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह सहित 33 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. बुधवार को पटना व्यवहार न्यायालय के आदेश पर यह एफआईआर रजिस्टर की गई है.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर आरोप है कि उन्होंने कुछ लोगों की मदद से 2 एकड़, 56 डिसमिल जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है. मामले में गिरिराज सिंह और 3 सीओ समेत 33 लोगों के खिलाफ दानापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. गिरिराज सिंह सहित अन्य पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धारा भी लगाई गई है. परिवाद पत्र में पीड़ित पक्ष ने सभी आरोपियों पर 2 एकड़, 56 डिसमिल जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है. साथ ही जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए धमकी देने की भी बात कही है.

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हालांकि, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है. कोर्ट ने ये भी नहीं बताया है कि मंत्री ने जमीन खरीदी या बेची है. गिरिराज सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के बाद बिहार पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है.

गिरिराज सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर से आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. गिरिराज सिंह के बहाने विपक्ष सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर हमलावर हो गया है. पिछले कुछ सालों में अक्सर ये देखा गया है कि गिरिराज सिंह किसी न किसी कारण सुर्खियों में बने रहे हैं.

2014 लोकसभा चुनाव के ठीक बाद उनके पटना स्थित फ्लैट से दो करोड़ रुपए चोरी का मामला हो या फिर हाल ही में बिहार में सामने आया सृजन घोटाला या फिर मुस्लिम या पाकिस्तान विरोधी बयान, इन सभी मसलों पर गिरिराज सिंह सुर्खियों में बने रहे हैं.

पिछले कैबिनेट विस्तार में भी गिरिराज सिंह की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छंटनी की खबर ने खूब सूर्खियां बटोरी थीं. खास बात ये है कि कयासों के उलट गिरिराज सिंह ने न सिर्फ केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाए रखी बल्कि जिस मंत्रालय के वे राज्यमंत्री थे, उसी मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी उन्हें मिल गया. यानी गिरिराज सिंह के बारे में मीडिया में जो कुछ भी चलता रहता है, होता है उसके बिल्कुल उलट.

लेकिन, गिरिराज सिंह पर जो ताजा आरोप लगे हैं वह उनको काफी परेशान कर सकते हैं. बिहार में जमीन कब्जाने जैसे मामले में भी गिरिराज सिंह बच निकलेंगे यह कहना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगा. गिरिराज सिंह को नजदीक से जानने वाले कहते हैं गिरिराज सिंह हिंदुत्व की नाव पर सवार हो कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को परवान चढ़ाते रहे हैं, लेकिन अब शायद ये मुमकिन नहीं हो पाएगा.

दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के बाद बिहार में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट के जरिए सीएम नीतीश कुमार से सवाल दाग दिया है, ‘जमीन कब्जा करने के मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह का नाम आने पर क्या अब गठबंधन तोड़ेंगे? इन्हीं के घर से कैश मिला था, पर फिर भी ईमानदार हैं?’

तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी से भी ट्वीट के जरिए ही सवाल पूछा है, ‘आपके नीतीश कुमार बंगले पर बंगले लिए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह गरीबों की जमीन को कब्जा कर रहे हैं. सुशील मोदी जी इन मुद्दों पर बिल में घुस गए हैं. खुलासा मियां कहां छुप गए हो?’

अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहने वाले गिरिराज सिंह पर बीजेपी क्या रुख अख्तियार करती है यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन उन पर लगे इस आरोप ने कहीं न कहीं बिहार बीजेपी को बैकफुट पर जरूर ला दिया है. हालांकि गिरिराज सिंह ने भी तेजस्वी यादव के ट्वीट का जवाब दिया है और उन्हें ही मामले का आर्किटेक्ट बताया है.

गौरतलब है कि हाल ही में गिरिराज सिंह के उस बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोग ‘राम की संतानें हैं, यहां कोई बाबर की औलाद नहीं है.’ अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गिरिराज सिंह ने यह बात कही थी. गिरिराज सिंह ने कहा था ‘अगर मैं धर्म परिवर्तन कर लूं तो क्या मेरे बच्चों की आने वाली पीढ़ियों के पूर्वज बदल जाएंगे? वे तो हिंदू ही रहेंगे.’

2014 लोकसभा चुनावों के दौरान भी गिरिराज सिंह ने मोदी विरोधियों को पाकिस्तान चले जाने को कहा था. कुछ दिन पहले ही उन्होंने मंदिर नहीं बनाने की पैरवी करने वालों पर तंज कसते हुए सवाल पूछा था कि 'करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान राम का मंदिर भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा.'

गिरिराज सिंह बिहार के नवादा से बीजेपी सांसद हैं. लेकिन उनको करीब से जानने वाले कहते हैं कि 2019 का लोकसभा चुनाव वो बेगूसराय से लड़ना चाहते हैं. बिहार के नेताओं के इतिहास को खंगालने पर यह पता चलता है कि जब-जब किसी राजनेता का जमीन विवाद में नाम सामने आया है, उसके पतन की शुरुआत भी होने लगी है.

अब देखना यह है कि गिरिराज सिंह पर लगे यह ताजा आरोप उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाता है या फिर उससे वे पाक साफ हो कर बाहर निकल आते हैं?

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