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George Fernandes: जब पहली नजर में ही केंद्रीय मंत्री की बेटी को दिल दे बैठे थे जॉर्ज

असाधारण राजनीतिक जीवन और मजदूर नेता के तौर पर देश भर में अपनी पहचान बनाने वाले जॉर्ज फर्नांडिस की प्रेम कहानी भी बड़ी दिलचस्प है

Updated On: Jan 29, 2019 01:02 PM IST

FP Staff

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George Fernandes: जब पहली नजर में ही केंद्रीय मंत्री की बेटी को दिल दे बैठे थे जॉर्ज

जॉर्ज फर्नांडिस मात्र 19 साल की उम्र में नौकरी की तलाश में अपना शहर छोड़कर मुंबई पहुंचे थे लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. वे आए तो नौकरी करने लेकिन लड़ने लगे मजदूरों की लड़ाई. इसका असर यह हुआ कि वे उस दौर के बड़े मजदूर नेता बनकर उभरे. उनके ही नेतृत्व में 1974 में सबसे बड़ा रेल हड़ताल हुआ और लगभग 15 लाख कर्मचारी इसका हिस्सा बने. इस समय जॉर्ज ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के अध्यक्ष थे.

जॉर्ज फर्नांडिस सिर्फ मजदूर नेता ही नहीं रहे बल्कि भारतीय राजनीति में एक असरदार भूमिका भी निभाई. वे कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाले. अपने अंतिम समय वे काफी समय तक बीमार रहे और आखिरकार 29 जनवरी, 2019 को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में आखिरी सांस ली.

असाधारण राजनीतिक जीवन और मजदूर नेता के तौर पर देश भर में अपनी पहचान बनाने वाले जॉर्ज फर्नांडिस की प्रेम कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. बात है 1971 की. जॉर्ज विमान से कोलकाता से दिल्ली लौटने वाले थे. इसी समय उन्होंने एयरपोर्ट पर एक लड़की देखी और उसे पहली नजर में ही दिल दे बैठे.

संयोगवश उस लड़की को भी दिल्ली ही जाना था और दोनों की सीट अगल-बगल में ही थी. इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ. फिर पता चला कि लड़की का नाम लैला कबीर है और वह रेड क्रॉस में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं. लैला कबीर मशहूर शिक्षाविद और नेहरू कैबिनेट में मंत्री रहे हुमायूं कबीर की बेटी हैं. पहली मुलाकात के कुछ ही महीनों बाद दोनों ने शादी कर ली.

बाद में दोनों के रिश्ते खराब भी हो गए. हालांकि जब 2009 में जॉर्ज बीमार पड़े तो उनके जीवन में लैला कबीर की दोबारा वापसी हुई.

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