देश के पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस अब हमारे बीच नहीं हैं. मंगलवार सुबह खबर आई कि दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती 88 साल के जॉर्ज फर्नांडिस का निधन हो गया. सियासत की बुलंदियां देख चुके फर्नांडिस मजदूर आंदोलन से उभरे समाजवादी नेता थे. मगर अपने आखिरी दिनों में वो अकेले पड़ गए थे.
अलजायमर्स बीमारी से पीड़ित जॉर्ज फर्नांडिस लंबे समय से बीमार थे. बाद में वो राजनीति से दूर होते चले गए. नौ बार के सांसद जॉर्ज 2004 तक राजनीति में काफी सक्रिय थे मगर बाद में बढ़ती उम्र और गिरते स्वास्थ्य ने इस पर ब्रेक लगा दिया. पिछले पांच वर्षों से वो अस्पताल के बिस्तर पर पड़े थे. इस दौरान न उनकी खबर आती थी और न कोई बड़ा नेता उनसे मिलने आता था. किसी सियासी दल ने भी उनकी सुध नहीं ली.
आज तक के मुताबिक इस मुश्किल घड़ी में कथित रूप से समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व अध्यक्ष (अब संरक्षक) मुलायम सिंह यादव उनकी मदद के लिए आगे आए थे. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे फर्नांडिस की मदद के लिए पहल की थी. हालांकि, जॉर्ज की पत्नी लैला कबीर ने इस बात की जानकारी होने से इनकार किया था कि मुलायम सिंह उनकी किसी तरह की मदद कर रहे हैं.
मुलायम का जॉर्ज से दोस्ताना संबंध थे. उनकी कथित रूप से मदद करने की खबरों को इससे जोड़कर देखा गया. अलग-अलग पार्टियों के नेता मुलायम और जॉर्ज फर्नांडिस के बीच अच्छी दोस्ती थी. इसकी वजह यह थी कि दोनों नेता राममनोहर लोहिया की समाजवादी राजनीति की पाठशाला के छात्र रहे थे.
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