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छात्रों से मनमानी फीस वसूलना पड़ा महंगा, गाजियाबाद के 3 प्राइवेट स्कूलों पर लगा जुर्माना

जिला शुल्क विनियमन समिति (DFRC) को बीते कई दिनों से प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले मां-बाप से शिकायत मिल रही थी कि ये स्कूल बिना किसी आधार के मनमाना फीस बढ़ाकर वसूलते हैं

Updated On: Jan 12, 2019 05:37 PM IST

FP Staff

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छात्रों से मनमानी फीस वसूलना पड़ा महंगा, गाजियाबाद के 3 प्राइवेट स्कूलों पर लगा जुर्माना

गाजियाबाद के तीन प्राइवेट स्कूलों पर जिला शुल्क विनियमन समिति ने 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इन स्कूलों पर आरोप है कि इन्होंने UP Self Financed Independent Schools (fixation of fees)Act,2018 यूपी वित्तपोषित स्वतंत्र स्कूल (फीस का निर्धारण) कानून,2018 का उल्लंघन करते हुए बच्चों से मनमानी फीस वसूली है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर अनुसार यह पहली बार है जब इस मामले में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है. इन तीन स्कूलों में डीपीएस इंदिरापुरम, सन वैली इंटरनेशनल (वैशाली) और सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल (सेक्टर 14, वसुंधरा) शामिल हैं. इन स्कूलों द्वारा 2019-20 शैक्षणिक सत्र में मनमाना तरीके से फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई है. यहां तक की इन तीन स्कूलों को 2018-19 शैक्षणिक सत्र में छात्रों से वसूले गए मनमाना फीस भी लौटाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही 2017-18 के बीच जो स्कूल की फीस स्ट्रक्चर थी उसे कायम रखने की बात कही गई है.

कई दिनों से मिल रही थी शिकायत

जिला शुल्क विनियमन समिति (DFRC) को बीते कई दिनों से प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले मां-बाप से शिकायत मिल रही थी कि ये स्कूल बिना किसी आधार के मनमाना फीस बढ़ाकर वसूलते हैं. अपनी कार्रवाई में फिर समिति ने 6 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की.

जिला अधिकारी ऋतु महेश्वरी जो जिला शुल्क विनियमन समिति की अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि हमारी कार्रवाई में तीन स्कूलों ने हमारा सहयोग करने से मना कर दिया. उनके पास बैलेंस शीट जैसे दस्तावेज भी मौजूद नहीं थे. इसलिए इन तीन स्कूलों के खिलाफ यूपी वित्तपोषित स्वतंत्र स्कूल (फीस का निर्धारण) कानून,2018 के तहत मामला दर्ज किया गया. हम फिलहाल अभी इस बात की जांच कर रहे हैं कि इन स्कूलों ने हर बच्चे से कितना अधिक फीस वसूला है. शुरुआती जोड़-घटाव से जो बात सामने आई, वो ये कि सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल को प्रति छात्र 6,337 से 6,933 रुपए लौटने होंगे, वहीं सन वैली स्कूल को 3,600 रुपए से 4,800 रुपए प्रति छात्र लौटाने होंगे.

डीपीएस इंदिरापुरम की प्रिंसिपल मीता राय ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि मीता ने इसके अलावा कुछ और प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

वहीं ऑल स्कूल पैरेंट्स असोशिएसन की अध्यक्ष शिवानी जैन ने डीएफआरसी (जिला शुल्क विनियमन समिति) के इस फैसले का स्वागत किया है. राज्य सरकार ने पिछले साल यहां बिना मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा कि मनमाने ढंग से शुल्क वृद्धि पर नज़र रखने के लिए यूपी स्व वित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय निर्धारण शुल्क अधिनियम, 2018 को प्रवर्तित किया था.

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