केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर उनसे अपना एक महीना का वेतन ‘स्वच्छ गंगा कोष’ में दान करने का अनुरोध किया है. सरकार ने नदी को प्रदूषण से निजात दिलाने की कोशिश में मदद के लिए इस कोष की स्थापना की है.
गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों तथा लोगों से इस कोष में अपना एक महीने का वेतन दान करने का भी अनुरोध करेंगे. लोगों और संगठनों से स्वैच्छिक दान लेने के लिए यह कोष बनाया गया है.
उन्होंने बताया कि सितंबर 2014 में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद से कोष में अब तक 250 करोड़ रुपए मिले हैं.
‘स्वच्छ गंगा कोष’ (सीजीएफ) में दी गई रकम पर शत प्रतिशत कर छूट है. गडकरी ने कहा कि नदी को साफ करने की कोशिशों के लिए कोष में मदद करने को लेकर कम से कम एक करोड़ लोगों को आगे आना चाहिए.
उन्होंने बताया , ‘मैंने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है. और राष्ट्रपति के बाद मैं प्रधानमंत्री , मंत्रियों , सांसदों और विधायकों तथा सभी से एक महीने का वेतन इस कोष में दान करने का अनुरोध करता हूं.’
गडकरी ने कहा कि सभी लोगों को इस उद्देश्य में शामिल होना चाहिए और वे जो कुछ भी राशि दे सकते हों, उसे डिजिटल हस्तांतरण के जरिए दें.
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कोष में हर महीने 300 रूपया दिया है. लोग 500 रुपया, 1000 रुपया या जो कुछ भी देना चाहते हों, दे सकते हैं. साथ ही, गडकरी ने जोर देते हुए कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के लिए कोष में कोई कमी नहीं है.
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