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BRD ट्रेजडी: लोगों से चंदा मांग गुजर-बसर कर रहे डॉ कफील, किसे मानते हैं इसके लिए जिम्मेदार?

कभी बच्चों के मशहूर डॉक्टर के रूप में पहचाने जाने वाले डॉक्टर कफील खान आज दिवालिया हैं और किसी तरह लोगों से फंड जुटाने के काम में लगे हुए हैं. पिछले एक साल से डॉक्टर कफील का जीवन बद से बदतर हो गया है

Updated On: Aug 10, 2018 04:42 PM IST

FP Staff

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BRD ट्रेजडी: लोगों से चंदा मांग गुजर-बसर कर रहे डॉ कफील, किसे मानते हैं इसके लिए जिम्मेदार?

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में पिछले साल ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दिए जाने के कारण 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. सप्लायर ने पैसा न मिलने के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी. इस विभत्स कांड के मुख्य आरोपियों में एक नाम बीआरडी अस्पताल के ही डॉक्टर कफील खान का भी था. कभी बच्चों के मशहूर डॉक्टर के रूप में पहचाने जाने वाले डॉक्टर कफील खान आज दिवालिया हैं और किसी तरह लोगों से फंड जुटाने के काम में लगे हुए हैं. पिछले एक साल से डॉक्टर कफील का जीवन बद से बदतर हो गया है.

बीआरडी की घटना के एक साल बाद क्या कुछ बदला?

डॉक्टर कफील ने बताया कि पिछले एक साल में मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया है. मैं आठ महीने जेल में रहा और अब घर पर बैठा हूं. अथॉरिटीज न तो मेरा सस्पेंशन खत्म कर रही हैं और न ही मुझे नौकरी से निकाल रही हैं. इसका मतलब ये है कि मैं चाह कर भी अपनी प्राइवेट प्रेक्टिस भी शुरू नहीं कर पा रहा हूं. मुझे डीजीएमई ऑफिस पर अटैच कर रखा है. हर रोज मुझे रजिस्टर पर साइन करने जाना होता है. मैंने साफ तौर पर बोला है कि मैं कोई क्लर्क नहीं हूं, मैं एक डॉक्टर हूं. मैंने लगभग सभी अधिकारियों से मुलाकात की है और उन्हें खत भी लिखे हैं. लेकिन कुछ भी नहीं हो रहा. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस हैं कि डिपार्टमेंटल इन्कवॉयरी तीन महीने से ज्यादा नहीं चल सकती है. यहां तक की हाईकोर्ट ने भी मुझे बेल देते वक्त कहा कि यूपी सरकार मेरे खिलाफ कोई भी सबूत पेश करने में नकाम रही है.

कितनी बुरी है स्थिति

डॉक्टर कफील को लोगों से चंदा मांग कर अपना काम चलाना पड़ रहा है. अपनी इस हालत पर उन्होंने कहा कि मेरा बच्चा छोटा है और मेरी पत्नी भी जॉब नहीं करती है. मेरे दोनों छोटे भाईयों का बिजनेस स्थानीय पुलिस वालों ने बर्बाद कर दिया है. बीआरडी घटना के बाद से हम अछूत बन गए हैं. लोगों ने मेरे भाईयों के साथ काम करने से मना कर दिया है, क्योंकि उन्हें डर है कि ये योगी जी को अच्छा नहीं लगेगा. हम बिना किसी कमाई के पिछले एक साल से कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं. मेरे भाई पर हमला हुआ पर डेढ महीने बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. और पुलिसवालों ने मेरे भाई के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया. आज हम दिवालिया हो गए हैं. हमने कई लोगों से कर्ज ले रखा है और मुझे नहीं पता चीजें कब ठीक होंगी.

आप के साथ जो भी हो रहा है उसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं?

कफील ने कहा कि मेरी और मेरे परिवार की जिंदगी सरकार ने बर्बाद की है. सरकार हमारा उत्पीड़न कर रही है. जो कुछ भी 10 अगस्त, 2017 की रात को हुआ, मैं उसे नरसंघार ही कहूंगा. ये उन लोगों की गलती थी जिन्हें पुष्पा सेल्स से बिल के भुगतान के लिए 14 रिमाइंडर्स भेजे गए.

(न्यूज 18 के लिए काज़ी फराज अहमद की रिपोर्ट)

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