द एडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने आज एक बड़ा ऐलान किया है. ईजीआई ने पत्रकार से नेता बने एमजे अकबर को सस्पेंड करने का फैसला किया है. यह सस्पेंशन तब तक जारी रहेगा जब तक अकबर यौन दुराचार के आरोपों से बरी नहीं हो जाते.
एनडीटीवी के मुताबिक ईजीआई ने सर्व सहमति से यह फैसला लिया. इसमें बहुमत से यह नतीजा निकला कि जब तक अकबर पर मामला चल रहा है, उन्हें गिल्ड से सस्पेंड कर देना चाहिए.
एमजे अकबर पर कई महिलाओं ने यौन दुराचार के आरोप लगाए थे जिसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार में बतौर जूनियर मंत्री स्तीफा दे दिया था. उन पर सबसे पहले यौन दुराचार के आरोप उनकी पूर्व सहयोगी प्रिया रमानी ने लगाए थे. इन आरोपों के बाद एमजे अकबर ने मानहानि का मुकदमा किया था.
ईजीआई ने तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ भी यही फैसला लिया है. तेजपाल रेप के मामले में जेल में हैं.
गौरतलब है कि अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ मानहानि के मामले में कहा गया था कि उनके कथित 'अपमानजनक लेख' उनकी 'कोरी कल्पना' थी, जिसका मकसद 'केवल' उनकी प्रतिष्ठा को 'बदनाम' करने का था.
मीटू आंदोलन के बीच, रमानी ने 8 अक्टूबर को एक ट्विटर पोस्ट में अकबर नाम लिया था. इसके बाद अन्य महिलाओं ने भी उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. हालांकि, अकबर ने सिर्फ रमानी के खिलाफ ही आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई.
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