इशरत जहां मुठभेड़ मामले में गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी पी पांडेय को बरी कर दिया गया है. अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को कहा कि इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पी पी पांडेय पर आरोप नहीं लगाए जाएंगे.
विशेष सीबीआई अदालत के जज जे के पंड्या ने कहा कि पी पी पांडेय पर लगे आरोपों के सबूत नहीं हैं इसलिए उन्हें इस केस से बरी किया जाता है.
सीबीआई ने अपनी जांच में पी पी पांडे पर अन्य पूर्व पुलिस अधिकारियों के साथ इशरत जहां मामले में साजिश, अवैध रूप से कारावास और हत्या के आरोप लगाए थे.
पी पी पांडे इस मामले में पहले आरोपी हैं जिन्हें कोर्ट ने बरी किया है. वर्तमान में वो जमानत पर बाहर हैं. उन्होंने अदालत में डिस्चार्ज दाखिल की थी.
15 फरवरी, 2015 में मिली जमानत से पहले पी पी पांडेय ने 19 महीने जेल में बिताया है.
15 जून, 2004 के दिन गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद के बाहरी इलाके में 19 साल की इशरत जहां समेत 4 लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया था. पुलिस ने दावा किया था कि ये चारों आतंकवादियों थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे. घटना के वक्त पी पी पांडेय राज्य के पुलिस प्रमुख थे.
गुजरात हाईकोर्ट की गठित एसआईटी ने जांच में पाया कि यह मुठभेड़ फर्जी था. इसके बाद कोर्ट ने जांच के लिए इस केस को सीबीआई को सौंप दिया था.
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