इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA तक 10 केंद्रीय एजेंसियों को अब जासूसी करने का लाइसेंस देने मामले में कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही आलोचनाओं के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि यह आदेश तो 2009 से लागू था. हमने तो बस उसी आदेश को दोबारा लागू कर दिया है. आप तो तिल का तार बना रहे हैं, जबकी यहां तो तील भी मौजूद नहीं.
FM Arun Jaitley in Rajya Sabha responds to Congress leader Anand Sharma over MHA order allowing ten agencies to monitor any computer: On 20 December, same order of authorisation was repeated that was existing since 2009. You are making a mountain where a molehill does not exist pic.twitter.com/sTcY3bqGOE
— ANI (@ANI) December 21, 2018
इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA तक 10 केंद्रीय एजेंसियों को अब जासूसी करने का लाइसेंस मिल गया है. ये एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद, रिसीव और स्टोर्ड डेटा समेत अन्य जानकारियों की निगरानी, इंटरसेप्ट और डिक्रिप्ट कर सकती हैं.
इन 10 एजेंसियों में कौन हैं शामिल
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश के अनुसार, 10 एजेंसियों के पास अधिकार है कि वे किसी भी कंप्यूटर के डेटा को चेक कर सकती हैं. गृह मंत्रालय ने आईटी एक्ट, 2000 के 69 (1) के तहत यह आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि भारत की एकता और अखंडता के अलावा देश की रक्षा और शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से जरूरी लगे तो केंद्र सरकार किसी एजेंसी को जांच के लिए आपके कंप्यूटर को एक्सेस करने की इजाजत दे सकती है.
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