1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद यह खबरें आईं थीं कि लंगर और प्रसाद का भी खर्च बढ़ जाएगा. लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस मामले में अब अपनी सफाई दे दी है. मंत्रालय ने जीएसटी लागू होने के बाद गुरुद्वारों में मिलने वाले लंगरों पर खर्च का बोझ बढ़ने की खबरों को खारिज कर दिया है.
मंत्रालय ने बताया कि धार्मिक संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे किसी फूड कोर्ट में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.
No GST on free food offered at religious places, says Finance Ministry https://t.co/9FgotFdviC pic.twitter.com/0C3UXy78qU
— Business Today (@BT_India) July 11, 2017
इसका मतलब यह है कि मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों, गुरुद्वारों और दरगाहों पर बांटे जाने वाले प्रसाद पर भी जीएसटी नहीं लगेगा.
मीडिया में आ रही थी लंगरों का खर्च बढ़ने की खबरें
गौरतलब है कि इस बारे में मीडिया में खबरें आ रही थीं कि मुफ्त में दिए जाने वाले भोजन पर जीएसटी के चलते धार्मिक संस्थाओं पर भार बढ़ेगा.
हालांकि, प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुछ सामग्रियों जैसे चीनी, वनस्पति तेल, घी, मक्खन, इन वस्तुओं की ढुलाई पर टैक्स लगेगा. मंत्रालय ने कहा कि इनमें से ज्यादातर सामग्री का कई तरीके से इस्तेमाल होता है. ऐसे में चीनी आदि का इस्तेमाल किस उद्देश्य से होना है इसको अलग करना मुश्किल है. इनके लिए अलग कर दर नहीं रखी जा सकती.
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